गुमला: उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा ने बुधवार को कृषि, पशुपालन, मत्स्य, तथा उद्यान विभाग के कार्यों के प्रगति की समीक्षा की।
जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि खरीफ 2021-22 में धान का कुल आच्छादन 01 लाख 77 हजार 488 हेक्टेयर क्षेत्र में किया गया है।
जबकि सांख्यिकी द्वारा धान आच्छादन के क्षेत्र के संबंध में प्रतिवेदित किए गए आंकड़ों में अंतर पाए गए।
इस पर उपायुक्त ने खरीफ- रबी अंतर्गत धान आच्छादन क्षेत्र से संबंधित विगत 10 वर्षों के आंकड़ों को प्रतिवेदित करने का निर्दश दिया।
साथ ही उन्होंने सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी से ग्रामवार धान के आंकड़ों को प्राप्त करने का निर्देश दिया।
इसके साथ ही जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि गुमला जिलांतर्गत किसानों के बीच लगभग 560 क्विंटल धान का वितरण लैंपसों के माध्यम से किया गया है।
उपायुक्त ने गुमला जिलांतर्गत उर्वरक के खपत की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की।
बताया गया कि खरीफ फसलों के लिए 860 मेट्रिक टन उर्वरक की खपत होती है। जिसमें से इस वर्ष 391 मेट्रिक टन उर्वरक की खपत की जा चुकी है।
इसके अलावा 93 मेट्रिक टन उर्वरक संग्रहित है। उपायुक्त ने केसीसी के अद्यतन स्थिति की समीक्षा की।
समीक्षा के क्रम में पाया गया कि कृषि विभाग द्वारा प्रखंडवार कुल 46125 आवेदन विभिन्न बैंकों में भेजे गए हैं। जिसमें से 2161 आवेदनों की स्वीकृति की गई है।
इसपर उपायुक्त ने अधिक से अधिक आवेदनों को स्वीकृत करने तथा लंबित आवेदनों का भी निष्पादन करने का निर्देश दिया।
बैठक में उपायुक्त ने विगत पाँच वर्षों में जिलांतर्गत कृषि/ पशुपालन/ मत्स्य/ उद्यान विभागों द्वारा संचालित योजनाओं का स्थल निरीक्षण कर वस्तुस्थिति का अवलोकन करने की जानकारी दी।
उन्होंने कृषि सहित अन्य विभागों द्वारा कार्यान्वित योजनाओं का फोटोयुक्त प्रलेखन तथा किसानों के बीच उनका प्रदर्शन करने का भी निर्देश दिया।
इसके साथ ही उन्होंने रूर्बन मिशन के तहत करौंदी एवं तेलगाँव पंचायत में कृषि, पशुपालन सहित मत्स्य पालन संबंधी योजनाओं का क्रियान्वयन कराने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने मत्स्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की।
उन्होंने गुमला जिलांतर्गत होने वाले मत्स्य उत्पादन की जानकारी प्राप्त की। जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि प्रत्येक वर्ष गुमला जिले में 1000 मेट्रिक टन मत्स्य उत्पादन किया जाता है।
मत्स्य उत्पादन हेतु जिलांतर्गत 365 सरकारी तालाब तथा 2000 निजी तालाब शामिल हैं। इसके साथ ही जिले में कुल 300 मत्स्य बीज उत्पादक हैं। 08 मत्स्यजीवी सहयोग समितियां हैं।
इस पर उपायुक्त ने जिलांतर्गत कुल मत्स्य पालकों की संख्या का मूल्यांकन कर उनकी सूची प्रतिवेदित करने का निर्देश जिला मत्स्य पदाधिकारी को दिया।