पणजी: गोवा में बुधवार को शिवसेना ने राज्य में मुख्यमंत्री की ओर से गोमांस (बीफ) के मुद्दे पर की गई टिप्पणी पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की चुप्पी पर सवाल उठाए।
शिवसेना ने महाराष्ट्र और गोवा के राज्यपाल कोश्यारी से तीखे सवाल किए हैं।
पार्टी ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की ओर से तटीय राज्य में बीफ की कमी पर इसकी आपूर्ति को लेकर की गई टिप्पणी पर मुख्यमंत्री के साथ ही राज्यपाल की मंशा पर भी सवाल खड़े कर दिए।
गोवा में शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष जितेश कामत ने पणजी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि गोवा में वध के लिए जीवित गायों को उपलब्ध कराने की सावंत की इच्छा पर कोश्यारी की चुप्पी से उनकी पार्टी हैरान है।
कामत ने कहा, हम खासकर इसलिए ज्यादा हैरान हैं कि दो महीने पहले ही राज्यपाल ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान मंदिरों का ताला खुलवाने से इनकार करने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला बोला था।
उन्होंने कहा, गोवा के मुख्यमंत्री ने गोवा में गोमांस उपलब्ध कराने की व्यवस्था का आश्वासन दिया है, अब भगत सिंह कोश्यारी कहां है? हिंदू गायों की पूजा करते हैं। जब महाराष्ट्र सरकार ने कोविड-19 के कारण मंदिर नहीं खोले, तो उन्हीं राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे से पूछा था कि आपका हिंदुत्व कहां है?
कामत ने कहा, हम कोश्यारी से पूछते हैं, जब गोवा में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने गायों के वध की सुविधा दी है, तो आप आज चुप क्यों हैं? आपका हिंदुत्व कहां है?
आप महाराष्ट्र में हिंदुत्व के बारे में बड़े दावे कर रहे थे। शिवसेना नेता ने राज्यपाल से कहा है कि उन्हें अब सावंत से भी उसे तरीके से पेश आना चाहिए।
कोविड-19 के समय संक्रमण दर बढ़ने पर राज्य में मंदिर नहीं खोले जाने पर राज्यपाल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पर निशाना साधा था।
जवाब में शिवसेना ने कोश्यारी पर सीमा पार करने और अपने पद की प्रतिष्ठा कम करने का आरोप लगाया था।
गोवा में फिलहाल बीफ की आपूर्ति पर बुरा प्रभाव पड़ा है और यहां इसकी कमी है। कर्नाटक सरकार की ओर से गौहत्या को लेकर कड़ा कानून पारित होने के बाद वहां से बीफ की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
गोवा में हर दिन लगभग 25 टन गोमांस की खपत होती है, जिसमें से अधिकांश कर्नाटक से आता है।
कमी के मद्देनजर, विशेष रूप से त्यौहार के सप्ताह से पहले मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने आश्वासन दिया है कि गोवा सरकार सक्रिय रूप से बीफ व्यापारियों के साथ काम करेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाल मांस (रेड मीट) की उपलब्धता में कोई कमी न हो।