नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो के फ्रीज बैंक खातों को आपरेट करने की अनुमति दे दी है।
जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने 950 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने ईडी को एक हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।
सुनवाई के दौरान ED की ओर से कहा गया कि 12 सौ करोड़ रुपये का अपराध किया गया है और जो बैंक खाते फ्रीज (Bank Account Freeze) किए गए हैं उनमें मात्र ढाई सौ करोड़ रुपये थे।
इसलिए उनके खातों को आपरेट करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। इसके बाद हाई कोर्ट ने वीवो को 950 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा कि वीवो अपने खाते में कम से कम ढाई सौ करोड़ रुपये हमेशा रखे। कोर्ट ने वीवो को निर्देश दिया कि वो ED को बताए कि उसने चीन में कितने करोड़ रुपये भेजे।
बैंक खातों को फ्रीज करने से उसका पूरा कारोबार चौपट हो जाएगा
8 जुलाई को कोर्ट ने ED को निर्देश दिया था कि वो वीवो का बैंक फ्रीज किया हुआ खाता आपरेट करने की मांग पर विचार करे।
वीवो कंपनी (Vivo Company) की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया था कि 5 जुलाई को ED ने मनी लांड्रिंग के मामले में वीवो के अनेक ठिकानों पर छापा मारा था।
ED ने वीवो के नौ बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है। इन खातों में ढाई सौ करोड़ रुपये थे। ईडी वीवो कंपनी के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत जांच कर रही है।
ED के मुताबिक वीवो कंपनी ने अपनी कुल बिक्री की पचास फीसदी रकम चीन भेज दी। ये रकम रकम 62,476 करोड़ रुपये है।
ED का कहना है कि भारत में टैक्स (tax in india) से बचने के लिए वीवो ने अपना नुकसान दिखाने के लिए ये रकम चीन भेजी।
वीवो ने कहा कि उसके बैंक खातों को फ्रीज करने से उसका पूरा कारोबार चौपट हो जाएगा और वो विभिन्न प्राधिकारों के कर्ज भी नहीं दे पाएगा। इससे कंपनी खत्म हो जाएगी।