आजकल पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक सामान्य बीमारी बन गई है। आकड़ों के मुताबिक हर 5 भारतीय महिला में से 1 महिला इसकी चपेट में है।
Doctors के अनुसार गलत खानपान, बैठे रहने की आदत और बीमारी की चेतावनी को नजरअंदाज करना PCOS के खतरे को बढ़ावा देता है।
PCOS का जोखिम
AIIMS की एक रिसर्च के मुताबिक आजकल 13 से 19 साल की लड़कियां इस बिमारी के चपेट में हैं। इस उम्र में इस समस्या का सबसे बड़ा कारण जरूरत से ज्यादा वजन का बढ़ना है। एक रिसर्च के मुताबिक, PCOS के 60% मरीज मोटे होते हैं।
वहीं, ब्रिटेन की एक स्टडी कहती है- PCOS एक Genetic Syndrome भी हो सकता है। PCOS से जूझ रहे 24% महिलाओं की मांओं और 32% महिलाओं के बहनों को भी यह बीमारी है।
गांव के मुकाबले शहरों की लड़कियों में PCOS का खतरा ज्यादा होता है। इसकी वजहों में रेस्त्रां व कैफे का खाना, Soft Drinks और पैकेज्ड फूड, अधूरी नींद, Emotional Stress और न के बराबर Excercise शामिल हैं।
PCOS के लक्षणों
गंभीर मुंहासे
शरीर पर ज्यादा बाल उगना
डिप्रेशन
दिल की बीमारी
बांझपन
डायबिटीज
हाइपरटेंशन
महिलाओं को होने वाले कैंसर
एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिन लड़कियों को माहवारी समय से पहली आ जाती है, उन्हें जीवन में कभी भी PCOS होने का जोखिम ज्यादा होता है।
PCOS की वजहें
PCOS का सबसे बड़ा कारण Hormones के Balance का बिगड़ना है। कुछ लड़कियों में Male Hormones का ज्यादा प्रोडक्शन होने लगता है, जिसके चलते शरीर में कुछ Chemicals ऊपर-नीचे हो जाते हैं। PCOS की दूसरी मुख्य वजह है मोटापा। किशोरावस्था में ही मोटापे का शिकार हो जाना कई समस्याओं की जड़ बन सकता है।
बचाव
फिलहाल PCOS का कोई परमानेंट इलाज मौजूद नहीं है। डाइट में बदलाव लाकर, एक्सरसाइज करके और कुछ दवाओं की मदद से इसके लक्षणों को काबू में किया जा सकता है। आप इन टिप्स को फॉलो कर जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं।
रोजाना 30 मिनट की सैर के साथ एक्सरसाइज भी करें।
अपने वजन पर ध्यान दें। मोटापे से बचें।
डाइट से फास्ट फूड को हटाकर फाइबर युक्त खाना, फल, ताजी हरी सब्जियां शामिल करें।
कोई भी असामान्य लक्षण दिखने पर उसे अनदेखा न करें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि भविष्य के कॉम्प्लिकेशंस से बचा जा सके।