नई दिल्ली: केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने सरकारी कंपनियों को उनके नॉन-ऑपरेशनल कोल ब्लॉक्स (गैर परिचालन की कोयला खदान) को वापस किए जाने की मंजूरी संबंधी फैसले की सराहना करते हुए कहा कि इस निर्णय से लगभग 16 कोयला खदान नीलामी के लिए उपलब्ध हो सकेंगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में सरकारी कंपनियों को उनके नॉन-ऑपरेशनल कोल ब्लॉक्स को सरेंडर करने की अनुमति दे दी है।
जोशी ने ट्वीट कर इस फैसले से होने वाले लाभ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नीलामी के माध्यम से आवंटित होने के बाद इन कोयला खदानों से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और देश के कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
साथ ही, कंपनियों को इन खदानों को सरकार को वापस करने की अनुमति देने के चलते कानूनी वाद-विवाद समाप्त होंगे और ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस वन-टाइम विंडो के दौरान कंपनियों को गैर परिचालन कोयला खदानों को वापस करने पर कोई भी जुर्माना नहीं देना होगा।
केंद्रीय कोयला मंत्री ने कहा कि सरकारी कंपनियों को कोयला खदान वापस करने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा।
खदान की वापसी स्वीकृत होने के बाद देरी के लिए दिए गए सभी कारण बताओ नोटिस वापस लिए जाएंगे और कोई परफॉरमेंस सिक्युरिटी (निष्पादन सुरक्षा) भी नहीं वसूली जाएगी।