रांची: झारखंड होई कोर्ट (Jharkhand High Court) के न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सोमवार को 6th JPSC में रिजर्व कैटेगरी के अभ्यर्थियों के मेरिट को कंसीडर करते हुए उनका कैडर आवंटन अनरिजर्व कैटेगरी (Cadre Allocation Unreserved Category) में किए जाने से संबंधित चंदन कुमार, गौतम कुमार, संजय कुमार महतो एवं कुमार अविनाश की अपील याचिका पर सुनवाई की।
खंडपीठ ने कार्यरत अनुशंसित अभ्यर्थी चंदन कुमार, गौतम कुमार, कुमार अविनाश की अपील पर सुनवाई करते हुए उनको प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी किया।
JPSC के द्वारा कैडर आवंटित किया गया
वहीं कार्यरत अभ्यर्थी संजय कुमार महतो (Candidate Sanjay Kumar Mahto) पहले से ही प्रतिवादी बनाए गए थे, कोर्ट ने उन्हें भी नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी।
यह मामला छठी JPSC परीक्षा से जुड़ा है, जिसमें आरक्षित वर्ग के जो कैंडिडेट योग्यता (Candidate Qualification) के आधार पर सामान्य वर्ग में अपनी जगह बनाए थे, उन्हें सामान्य श्रेणी में ही कंसीडर करते हुए जेपीएससी के द्वारा कैडर आवंटित किया गया था।
जबकि याचिकाकर्ता का कहना था कि कैडर आवंटन के लिए अपने Choice Of Service के लिए उनका कंसीडरेशन आरक्षित वर्ग (Consideration reserved category) में ही किया जाना चाहिए था।
जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने पैरवी की
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट की एकल पीठ ने जून 2021 में JPSC द्वारा रिजर्व कैटेगरी वाले अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर उनका कैडर आवंटन अनरिजर्व कैटेगरी में किए जाने को सही ठहराया था।
वहीं याचिकाकर्ता का कहना था कि उनका कैडर आवंटन (Cadre Allocation) उन्हीं की रिजर्व कैटेगरी में होना चाहिए था। याचिकाकर्ता ने एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी है।
सुनवाई के दौरान पूर्व में कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह बताने को कहा था कि कैसे उनका कैडर आवंटन अनरिजर्व में किया जाना अनुचित है।
JPSC के द्वारा बताया गया था कि नियम के अनुसार ही उनका कैडर आवंटन अनारक्षित कैटेगरी में किया गया है। JPSC की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल (Sanjay Piparwal) ने पैरवी की।