इस्लामाबाद: पाकिस्तानी नागरिकों की मुसीबत घटने का नाम नहीं ले रही है। पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के दामों में बेतहाशा वृद्धि के बाद अब पाकिस्तान में बिजली भी सात रुपये यूनिट महंगी हो गयी है।
इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इन परिस्थितियों के लिए पूर्व की इमरान सरकार को जिम्मेदार करार देते हुए 28 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज का एलान किया है।
अंतरराष्टीय मुद्रा कोष से एक अरब अमेरिकी डॉलर कर्ज पाने की पाकिस्तान सरकार की कोशिशों की गाज पाकिस्तानी नागरिकों पर गिर गिर रही है।
पहले पेट्रोल-डीजल के दामों में तीस रुपये प्रति लीटर वृद्धि के बाद अब पाकिस्तान में बिजली की कीमतों में सात रुपये प्रति यूनिट वृद्धि का फैसला लिया गया है।
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बिजली शुल्क पर दी जा रही 2600 अरब रुपये की सब्सिडी पर चिंता व्यक्त की थी।
साढ़े आठ करोड़ लोगों को लाभ होगा
इसके बाद ही बिजली की दरों में वृद्धि का फैसला लिया गया। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के सुझाव पर ही सार्वजनिक स्वामित्व वाली बिजली कंपनी डिस्को के निजीकरण का फैसला भी पाकिस्तान सरकार ने किया है।
उधर, लगातार बढ़ती महंगाई के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ समझौते में उनकी कड़ी शर्तों को मानकर देश को संकट में डाल दिया है।
अब इमरान सरकार के इन्हीं फैसलों के कारण उन्हें सख्त कदम उठाने पड़ रहे हैं। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाने के लिए कड़े कदम उठाने जरूरी हैं।
साथ ही उन्होंने 28 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज का एलान भी किया। इसके अंतर्गत 1.4 करोड़ गरीब परिवारों को दो हजार रुपये प्रति परिवार सहायता दी जाएगी। इससे साढ़े आठ करोड़ लोगों को लाभ होगा।