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मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अग्निपथ आंदोलन ने लिया हिंसक रूप, दहशत फैली

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भोपाल: मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में गुरुवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन (Protest) हुआ। 1000 से अधिक युवाओं ने सार्वजनिक और निजी संपत्तियों में तोड़फोड़ की, जिससे रेलवे स्टेशनों और सड़कों पर लोगों में दहशत फैल गई।

दोपहर करीब 12.30 बजे गोले का मंदिर नामक स्थान से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन शहर के कई हिस्सों में पहुंचा। प्रदर्शनकारी शहर में ढाई घंटे से अधिक समय तक तबाही मचाते रहे। उन्होंने दो रेलवे स्टेशनों (railway stations) पर भी तोड़फोड़ की।

उग्र भीड़ ने केंद्र की अग्निपथ भर्ती योजना के विरोध में शहर में कई स्थानों पर सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। सड़कों और रेलवे स्टेशनों पर लोगों को हिंसा से बचने के लिए आश्रय ढूंढना पड़ा।

प्रदर्शनकारियों ने न केवल सड़कों पर वाहनों को नुकसान पहुंचाया, बल्कि ग्वालियर रेलवे स्टेशन में घुसकर एक खड़ी ट्रेन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।

प्रदर्शनकारियों ने लकड़ी के लट्ठों, पेड़ों की टहनियों और अन्य रेलवे संपत्तियों को पटरियों पर रखकर कम से कम 6-7 ट्रेनों की आवाजाही रोक दी।

उत्तर-मध्य रेलवे (एनसीआर) के अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली-ग्वालियर-भोपाल मार्ग पर रेल यातायात जो राष्ट्रीय राजधानी को दक्षिणी और पश्चिमी भारत से जोड़ता है, घंटों तक बुरी तरह प्रभावित रहा है। हालांकि, जिला पुलिस ने अर्धसैनिक बल के साथ शाम चार बजे तक स्थिति पर काबू पा लिया।

सांघी ने कहा…

ग्वालियर जिले के SP अमित सांघी (Amit Sanghi) ने बताया कि रात करीब 12 बजे गोले का मंदिर क्षेत्र में बड़ी संख्या में युवक जमा हो गए। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) वैभव चौकसे के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची।

सांघी ने कहा, हमने उन्हें वहीं रोकने की कोशिश की और बातचीत चल रही थी। इस बीच और युवा विरोध में शामिल होने लगे और उनकी संख्या 1000-1200 के आसपास पहुंच गई। उन्होंने कई जगहों पर हिंसा करना शुरू कर दिया।

कई गुटों में बंटे प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और रेलवे स्टेशन पहुंचे। उन्होंने वहां सार्वजनिक संपत्तियों में तोड़फोड़ की, जिससे रेलवे स्टेशन पर यात्रियों में दहशत फैल गई।

उन्होंने कहा, अधिक पुलिस दल तैनात किए गए और अर्धसैनिक बल के कर्मचारी भी ऑपरेशन में शामिल हुए। समस्या यह थी कि अगर पुलिस ने उन्हें एक तरफ से घेर लिया, तो वे दूसरा रास्ता अपना रहे थे। किसी तरह स्थिति को नियंत्रण में लाया गया।

सांघी ने आगे बताया कि पुलिस ने हजीरा रेलवे स्टेशन से प्रदर्शनकारियों का पीछा किया, लेकिन वे ग्वालियर के मुख्य रेलवे स्टेशन की ओर चल पड़े।

सांघी ने कहा, हालांकि, पुलिसकर्मियों की भारी तैनाती थी। वहां एक रेलवे स्टेशन पर भारी सुरक्षा को देखकर वे सड़कों पर उतर आए और सड़कों पर हिंसा करना शुरू कर दिया।

सांघी ने कहा, हालांकि हिंसा में कोई घायल नहीं हुआ। एसपी ने कहा, पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने में कामयाब रही।

प्रदर्शनकारियों (protesters) की पहचान करने के बाद कार्रवाई की जाएगी। अब शाम चार बजे के बाद शहर में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है।

इस बीच सांघी ने यह भी कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे जमा हुए, इसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा, शुरुआत में लगभग 200-300 लोग थे, लेकिन संख्या अचानक बढ़ गई।

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