Agneepath Scheme : अग्निपथ स्कीम (Agneepath Scheme) के तहत भारतीय सेना (Indian Army) में भर्ती हुए अग्निवीर (Agniveer) के पहले बैच की ट्रेनिंग खत्म (Training Over) हो चुकी है और दूसरे बैच की Training शुरू हो गई है।
अगले महीने पहला बैच भारतीय सेना की अलग-अलग यूनिट में शामिल हो जाएगा। हालांकि, Training के दौरान ही कई युवा बीच में चले गए हैं।
हालांकि, अलग-अलग वजहों का हवाला देकर सेना को अलविदा कहने वाले युवाओं पर अब कार्रवाई भी हो सकती है और उनसे Training में खर्च हुई रकम भी वसूली जाएगी।
पहले बैच में 50 से अधिक ने छोड़ी ट्रेनिंग
पहले बैच में 50 से ज्यादा युवा Training बीच में ही छोड़कर चले गए और दूसरे बैच में भी ऐसा ही हाल है। उनका कहना है कि युवाओं से Training में होने वाला खर्च वसूली जाएगा, इस तरह Training में सिर्फ वही युवा शामिल होंगे जो सेना में भर्ती होने के लिए गंभीर हैं।
फिलहाल सेना में Training बीच में छोड़कर जाने के लिए कोई नियम नहीं है लेकिन अब सरकार इस पर लगाम लगाने के लिए नए नियम (New Rules) लाने के बारे में सोच रही है।
बेहतर मौका मिलने की वजह से सेना को कहा अलविदा
अधिकारी ने यह भी बताया कि Training बीच में छोड़ने की युवाओं की तरफ से अलग-अलग वजहें दी गई हैं। ट्रेनिंग कर रहे अग्निवीरों (Agniveers) में एक तरफ ऐसे ट्रेनी (Trainee) हैं जिन्हें 30 दिन या इससे ज्यादा की मेडिकल लीव (Medical Leave) में रहने की वजह से बाहर कर दिया गया है।
वहीं ऐसे युवा भी हैं, जिन्होंने बेहतर मौका मिलने की वजह से Training छोड़कर सेना को अलविदा कहा है। सूत्रों के मुताबिक, पहले बैच में ही 50 से ज्यादा युवा Training बीच में छोड़कर चले गए, क्योंकि उन्हें दूसरी जगह नौकरी का मौका मिल गया।
4 साल बाद 25% अग्निवीरों को परमानेंट होने का विकल्प
सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, हमारे पास युवाओं की कई अपील आई हैं कि क्या मेडिकल वजहों (Medical Reasons) से छुट्टी पर होने के मामले में उन्हें अगले बैच में ट्रेनिंग का विकल्प मिल सकता है।
लेकिन ऐसा इसलिए मुमकिन नहीं है कि Agniveer के उसी बैच में से चार साल बाद 25% अग्निवीरों को परमानेंट होने का विकल्प दिया जाएगा।
कांग्रेस ने बनाया इसे पोलिटिकल एजेंडा
कांग्रेस (Congress) ने अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) को लेकर BJP सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने देश की सेवा करने के युवाओं के सपने को चकनाचूर कर दिया है और उनके मन में कई आशंकाएं पैदा की हैं।
सरकार पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) का यह हमला उन मीडिया रिपोर्ट (Media Reports) के सामने आने के बाद आया है, जिनमें दावा किया गया है कि भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में शामिल होने वाले युवा बीच में ही प्रशिक्षण छोड़ रहे हैं।
JaiRam Ramesh ने ट्वीट किया कि पहले सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना युवाओं का सपना होता था। युवाओं के देश सेवा के संकल्प की इज्जत करते हुए उन्हें बेहतर सुविधाएं और नौकरी की सुरक्षा दी जाती थी।
उन्होंने कहा, ‘‘अग्निपथ योजना की बुनियाद ही गलत है। इसने युवाओं के देश सेवा के सपनों को तोड़ दिया है और तरह-तरह की आशंकाएं पैदा की हैं। नतीजा सामने है।’’
6 महीने होती है अग्निवीर की ट्रेनिंग
ट्रेनिंग छह महीने की है, जिसके बाद अग्निवीर सेना (Agniveer Sena) का हिस्सा बन जाते हैं। हर अग्निवीर को ट्रेनिंग शुरू होने के साथ ही हर महीने करीब 30 हजार रुपये की सैलरी मिलनी शुरू हो जाती है।
सेना में नियम है कि अगर कोई 30 दिन से ज्यादा ट्रेनिंग में अनुपस्थित रहता है तो उसको बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।
अग्निवीर भर्ती नियम (Agniveer Recruitment Rules) में अभी तक ऐसा कोई नियम नहीं है कि जो युवा Agniveer की ट्रेनिंग बीच में छोड़कर जाते हैं उन्हें क्या रोका जा सकता है।
सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, अफसरों की ट्रेनिंग में यह नियम है कि अगर ट्रेनी बीच में छोड़कर जाते हैं तो उनसे तब तक उन पर किया गया खर्चा वसूला जाता है।
इसी तरह का विचार Agniveer के मामले में भी किया जा रहा है। इस तरह का नियम होने से वही लोग Agniveer भर्ती में आएंगे जो चार साल अग्निवीर बनकर सेना का हिस्सा बनना चाहते हैं।