मुंबई: बाम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने वसूली मामले में महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व गृहमंत्री (Former Home Minister) अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की जमानत के विरोध में दायर की गई CBI की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।
इससे अनिल देशमुख की जमानत का रास्ता साफ हो गया है। अनिल देशमुख बुधवार को जमानत की प्रक्रिया पूरा कर आर्थर रोड जेल (Arthur Road Jail) से बाहर आ सकते हैं।
वसूली मामले में जमानत
वसूली मामले में Bombay High Court ने 12 दिसंबर को अनिल देशमुख को जमानत दी थी। CBI के वकील ने हाई कोर्ट में कहा कि उन्हें इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती देना है, इसलिए इस निर्णय पर 10 दिन रोक लगा दी जाए।
CBI की इस मांग को कोर्ट (Court) ने स्वीकृत करते हुए अपने ही फैसले पर दस दिन की रोक लगा दी थी। इसके बाद CBI के वकील ने 21 दिसंबर को फिर से हाई कोर्ट में याचिका (Petition) दाखिल कर अनिल देशमुख की जमानत पर रोक लगाने की मांग की।
उस समय जज एमएस कार्णिक ने अनिल देशमुख की जमानत पर फिर से 27 दिसंबर तक रोक दी । उस समय जज एमएस कार्णिक ने CBI से कहा था कि इसके आगे जमानत पर रोक नहीं लगाई जाएगी।
बुधवार को जेल से बाहर आ सकते हैं अनिल देशमुख
आज फिर से CBI ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर अनिल देशमुख की जमानत पर रोक लगाने की मांग की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
दरअसल, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये प्रतिमाह रंगदारी वसूली का टारगेट देने का आरोप लगाया था।
इसके बाद CBI ने अनिल देशमुख के विरुद्ध मामला दर्ज किया था। इसके बाद सीबीआई के निर्देश पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉड्रिंग (Money Laundering) के तहत मामला दर्ज किया था। ED के मामले में अनिल देशमुख को पहले ही जमानत मिल गई है।
CBI की ओर से दर्ज मामले में भी अनिल देशमुख को 12 दिसंबर को जमानत मिल गई थी लेकिन CBI की मांग पर हाई कोर्ट ने अनिल देशमुख की जमानत पर दो बार रोक लगाई थी, लेकिन आज तीसरी बार रोक लगाने से मना कर दिया, इससे अनिल देशमुख को राहत मिली है।