बेंगलुरू: कर्नाटक ईदगाह मैदान (Karnataka Idgah Ground) में हिंदू त्योहारों की अनुमति देने की अपनी मांग के समर्थन में कई हिंदू संगठनों ने एक विशाल रैली की घोषणा की है।
इस संबंध में बेंगलुरू के जंगमा मठ में हिंदू संगठन (Hindu organization) पहले ही बैठक कर चुके हैं। कार्यकर्ताओं की मांग है कि ईदगाह मैदान को सभी के लिए खेल का मैदान बनाया जाए।
ईदगाह मैदान पर वक्फ बोर्ड के दावों को चुनौती देने के साथ-साथ कानूनी लड़ाई छेड़ने के लिए कुल 25 हिंदू संगठनों के साथ-साथ स्थानीय समूहों ने हाथ मिलाया है।
ईदगाह मैदान को खेल के मैदान के रूप में बनाए रखने की जरूरत के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए संगठन चामराजपेट में डोर टू डोर अभियान (Door To Door Campaign) चला रहे हैं। उन्होंने संपत्ति पर दोहरे रुख के लिए बृहत बेंगलुरू महानगर पालिक को भी निशाने पर लिया है।
शुरुआत में BBMP ने दावा किया कि ईदगाह मैदान उसकी संपत्ति है, जिसे बाद में खारिज कर दिया गया। हिंदू संगठनों ने BBMP की आलोचना की है और सत्तारूढ़ भाजपा सरकार से हस्तक्षेप करने और मामले को सुलझाने का आग्रह किया है।
कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के अनुसार, मुसलमानों को साल में दो मौकों पर नमाज अदा करने की अनुमति दी जानी चाहिए और बाकी दिनों में मैदान को खेल के मैदान के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
अधिकारी घटनाक्रमों को लेकर चिंतित
चामराजपेट सिटीजन फेडरेशन (Chamarajpet Citizen Federation) ने पुष्टि की है कि चामराजपेट इलाके में बंद रहेगा और हिंदू कार्यकर्ता और स्थानीय संगठन 12 जुलाई को सिरसी सर्कल से ईदगाह मैदान तक एक विशाल बाइक रैली निकालने जा रहे हैं।
चामराजपेट इलाके मुसलमानों की बड़ी आबादी है और इसे बेंगलुरू के संवेदनशील क्षेत्रों में से एक माना जाता है। कांग्रेस विधायक जमीर अहमद खान (Zameer Ahmed Khan) इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
हिंदू कार्यकर्ताओं ने उन्हें चेतावनी दी है कि वह सिर्फ एक धर्म के विधायक नहीं हैं और उन्हें हिंदुओं को भड़काने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
BBMP चुनाव नजदीक हैं और राज्य चुनावी (State Election) वर्ष में प्रवेश कर रहा है। अधिकारी घटनाक्रमों को लेकर चिंतित हैं।