वाराणसी: भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) की टीम द्वारा ज्ञानवापी परिसर में शुक्रवार सुबह ही सर्वे (Gyanvapi Survey) शुरू हो गया है। सुरक्षा की दृष्टि से गोदौलिया से चौक तक जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है।
परिसर के बाहर भारी पुलिस बल की तैनाती है। मौके पर DM एस राजलिंगम और पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन (DM S Rajalingam and Police Commissioner Ashok Mutha Jain) भी ज्ञानवापी पहुंच गए हैं। परिसर के आस- पास से गुजरने वाले लोगों की जांच चल रही है।
ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि सभी लोग (ASI अधिकारियों सहित) वहां पहुंच गए हैं। सर्वेक्षण शुरू हो गया है। हम भी अंदर जा रहे हैं।
सुबह 7.40 बजे सर्वे की टीम गेट नंबर चार पर पहुंची। इस दौरान वादी महिलाओं के साथ मौजूद सोहनलाल आर्य को भीतर नहीं जाने दिया गया। पुलिस ने सोहनलाल को बाहर कर दिया है। ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की वजह से परिसर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
मुस्लिम पक्ष ने आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी
गौरतलब है कि ज्ञानवापी में सर्वे दस दिन से रुका हुआ है। ASI की 43 सदस्यीय टीम ने 24 जुलाई को सर्वे के लिए पहुंची थी। सुबह सात बजे सर्वे शुरू भी हो गया था, लेकिन दोपहर लगभग 12:30 बजे सर्वे पर रोक लगाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था।
उस दिन से अब तक 10 दिन सुप्रीम कोर्ट और फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से ज्ञानवापी में सर्वे का काम रुका रहा। अब आज फिर सर्वे शुरू होगा।
ज्ञात हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) से वैज्ञानिक सर्वे कराने के वाराणसी जिला जज के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि जिला जज का सर्वेक्षण कराने का आदेश विधि सम्मत है। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
शशि प्रकाश सिंह ने हलफनामा देकर कहा…
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने गुरुवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद (Anjuman Intezamia Masjid) की याचिका खारिज करते हुए कहा, परिसर का ASI से वैज्ञानिक सर्वे करवाने का जिला कोर्ट का आदेश न्यायोचित और सही है।
इसमें दखल देने का कोई कारण नहीं है। ASI का प्रस्तावित सर्वे न केवल न्याय हित में जरूरी है, बल्कि दोनों पक्षों के लिए लाभकारी भी है।
16 पेज के आदेश में कोर्ट ने कहा, ASI के ADG आलोक त्रिपाठी, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया (ASGI) शशि प्रकाश सिंह ने हलफनामा देकर कहा है कि सर्वे के दौरान ढांचे को कोई नुकसान नहीं होगा।