नई दिल्ली: अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटे असद को UP STF की टीम (STF Team) ने झांसी (Jhansi) में मार गिराया है। उसके अलावा एक और बदमाश गुलाम को भी पुलिस ने ढेर कर दिया है।
दोनों पर 5 लाख रुपये का इनाम था और ये उमेश पाल हत्याकांड में Wanted थे। STF की ओर से बताया गया कि इन लोगों की घेराबंदी हुई तो असद और गुलाम फायरिंग (Firing) करने लगे।
इस पर जवाबी कार्रवाई (Counter insurgency) की गई, जिसमें दोनों मारे गए। दोनों ही बाइक पर सवार थे। UP STF के ADG अमिताभ यश ने इस एनकाउंटर की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इन लोगों के पास से विदेश में बने हथियार (Weapon) बरामद किए गए हैं।
अतीक अहमद के 5 बेटों में से असद तीसरे नंबर का
उन्होंने कहा कि इन लोगों के पीछे हमारी टीम डेढ़ महीने से जुटी हुई थी और आज जाकर हमें बड़ी कामयाबी (Great Success) मिली है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले भी 5 मिनट के फासले से ये दोनों लोग मिस हो गए थे और चकमा देकर भाग निकले थे।
उमेश पाल की हत्या (Murder) के मामले में अतीक अहमद का बेटा असद वॉन्टेड (Wanted) था और उस पर 5 लाख रुपये का इनाम भी घोषित था। इसी केस में गुलाम भी वॉन्टेड था। अतीक अहमद के 5 बेटों में से असद तीसरे नंबर का था।
अतीक के अलावा उसके भाई अशरफ को भी अदालत में पेश किया गया
उमेश पाल केस में अतीक अहमद फिलहाल प्रयागराज (Prayagraj) की अदालत में है और इस बीच Jhansi में यह बड़ी कार्रवाई की गई है।
अतीक के अलावा उसके भाई Ashraf को भी अदालत (Court) में पेश किया गया है। बता दें कि कभी खौफ का पर्याय रहा अतीक अहमद इन दिनों सरेंडर मोड में है।
बुधवार को तो उसने यहां तक कहा था कि मेरा परिवार (Family) तबाह हो गया है और मैं मिट्टी में मिल गया हूं।
असद के दोस्तों ने कई खुलासे किए
माफिया अतीक अहमद के बेटे पांच लाख के इनामी असद ने अपने चाचा Ashraf की मदद से दिल्ली (Delhi) में शरण ली थी।
दिल्ली में वह संगम विहार कॉलोनी में छिपा था। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल की मदद से पकड़े गए असद के दोस्तों ने कई खुलासे किए थे।
असद अन्य शूटर समेत नौ रास्तों से होते हुए भागे
Umesh Pal Murder Case के बाद असद अन्य शूटर समेत नौ रास्तों से होते हुए भागे थे। साजिश में ही ये रास्ते गुड्डू मुस्लिम (Guddu Muslim) और माफिया अतीक अहमद के बेटे असद ने तय कर दिये थे।
असद और गुड्डू ने लखनऊ, बिहार और नेपाल सीमा (Nepal Border) पर छुपने के ठिकाने भी बता दिये थे। इसके साथ ही यह भी सख्त हिदायत (Strict Instruction) थी कि कोई एक दूसरे से मोबाइल पर कतई बात नहीं करेगा। हत्या में शामिल हर आरोपित को अलग-अलग रास्तों से भागना था।