Homeविदेशइंटरनेशनल स्टूडेंट्स के सूखे से जूझ रहा ऑस्ट्रेलिया

इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के सूखे से जूझ रहा ऑस्ट्रेलिया

Published on

spot_img

कैनबरा: कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है। हालांकि कुछ देश इससे उबरने के लिए जी-तोड़ प्रयास कर रहे हैं और कुछ हद तक उनकी इकॉनमी पटरी पर आ भी रही है।

ऑस्ट्रेलिया भी ऐसा ही एक देश है जहां सब कुछ सामान्य होता प्रतीत हो रहा है, लेकिन यहां का शिक्षा क्षेत्र अपवाद है। यह अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के सूखे का हल खोजने के लिए संघर्ष कर रहा है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने शनिवार को रिपोर्ट दी कि विदेशी छात्रों के सूखे को समाप्त करने के लिए इस सप्ताह न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू) के कोषाध्यक्ष डोमिनिक पेरोटेट ने एक योजना का प्रस्ताव दिया था।

इसके बाद यह मामला तेजी से सुर्खियों में आया।पेरोटेट ने अपने प्रस्ताव में कहा कि विदेशी छात्रों की संख्या सीमित करने के उद्देश्य से तस्मानिया में आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों को क्वारंटीन (पृथकवास) किया जाए।

इसी तरह आस्ट्रेलिया के हर क्षेत्र इस प्रक्रिया को अपना सकते हैं।

हालांकि उनकी इस योजना को खारिज कर दिया गया और इसके बदले उनसे अंतर्राष्ट्रीय आगमन नियमों में बदलाव करने और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को वापस लाने के लिए कुछ शर्ते या सीमा तय करने के लिए कहा गया।

गौरतलब है कि 2019 में अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा 40.3 अरब डॉलर की थी, जो देश का चौथा सबसे बड़ा निर्यात था।

पिछले साल, ऑस्ट्रेलियाई सांख्यिकी ब्यूरो (एबीएस) के नए आंकड़ों के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश करने की सीमा बंद करने से देश के शिक्षा क्षेत्र को लगभग 9 अरब डॉलर के निर्यात राजस्व का नुकसान हुआ।

यूनिवर्सिटीज ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि 2019 के मुकाबले वर्ष 2020 में विश्वविद्यालयों में अध्यापन का कार्य करने वाले कम से कम 17,300 लोगों की नौकरियां चली गईं और 1.8 अरब डॉलर का अनुमानित राजस्व नुकसान हुआ।

एबीएस के आंकड़ों से पता चला कि दिसंबर, 2020 में ऑस्ट्रेलिया में केवल 230 अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का आगमन हुआ, जबकि पिछले वर्ष के इसी महीने में लगभग 38,460 स्टूडेंट्स आए थे।

इस तरह से अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या में 99.4 प्रतिशत की गिरावट आई।

यूनिवर्सिटीज ऑस्ट्रेलिया के अनुसार, कोविड के कारण जहां अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या कम हुई है, वहीं इसके कारण वर्ष 2021 में अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा क्षेत्र में 5.5 प्रतिशत या 2 अरब डॉलर के नुकसान होने का अनुमान है।

जहां तक ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की बात है तो संख्या के हिसाब से भारत का स्थान चीन के बाद दूसरे नंबर पर है।

मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है।

सिडनी मॉनिर्ंग हेराल्ड के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों में अध्ययन के लिए दाखिला लेने वाले नए भारतीय छात्रों की संख्या 2020 की दूसरी छमाही में 80 प्रतिशत से अधिक घट गई।

spot_img

Latest articles

इरफान अंसारी ने किया सदर अस्पताल का निरीक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दिए निर्देश

Chaibasa News: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने गुरुवार को चाईबासा जिले...

झारखंड में मोंथा तूफान का असर, बारिश से बढ़ी ठंड, कई जिलों में येलो अलर्ट जारी

Cyclonic Storm Montha: चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से झारखंड के विभिन्न जिलों में...

छात्रा ने स्वर्णरेखा नदी में लगाई छलांग, मछुआरों ने बचाई जान

Jamshedpur News: सोनारी थाना क्षेत्र के निर्मल नगर में गुरुवार सुबह कस्तूरबा गांधी आवासीय...

मर्डर केस में तीन शूटर गिरफ्तार

Jamshedpur Crime News: रत्ननगर रोड हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, तीन शातिर अपराधी...

खबरें और भी हैं...

इरफान अंसारी ने किया सदर अस्पताल का निरीक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दिए निर्देश

Chaibasa News: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने गुरुवार को चाईबासा जिले...

झारखंड में मोंथा तूफान का असर, बारिश से बढ़ी ठंड, कई जिलों में येलो अलर्ट जारी

Cyclonic Storm Montha: चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से झारखंड के विभिन्न जिलों में...

छात्रा ने स्वर्णरेखा नदी में लगाई छलांग, मछुआरों ने बचाई जान

Jamshedpur News: सोनारी थाना क्षेत्र के निर्मल नगर में गुरुवार सुबह कस्तूरबा गांधी आवासीय...