रांची: राज्य में चीन के धागे से पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध (Ban on Flying Kites With Chinese Thread) लग गया है। चीन आयातित तेज धारदार सिंथेटिक धागे जानलेवा साबित हो रहे हैं। कई लोग, जिसमें बच्चे भी शामिल हैं, इसकी जद में आ रहे हैं।
पशु-पक्षियों को भी नुकसान पहुंच रहा है। राज्य में धारदार सिंथेटिक, नायलान धागा और चीनी मांझा पर प्रतिबंध है। इसके उत्पादन, भंडारण, बिक्री, आपूर्ति और आयात पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गयी है।
पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) को लेकर किए जा रहे उपायों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया। चीनी मांझा प्रतिबंधित किया गया है। इस धागे की खूब डिमांड होती है। क्योंकि, इससे पतंगबाजी में हराना आसान होता था। यहां मकर संक्रांति पर करोड़ रुपये का कारोबार होता था।
आयात और प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध
झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव यतींद्र कुमार दास (Yatindra Kumar Das) ने शनिवार को इन धागों के प्रतिबंध की अधिसूचना जारी कर दी है। सदस्य सचिव के अनुसार नायलॉन, प्लास्टिक और अन्य किसी सिंथेटिक सामग्री से निर्मित पतंग उड़ाने वाला धागा बहुत खतरनाक है। इसमें चीनी मांझा भी शामिल है।
उन्होंने बताया कि तेज धारदार धागे, शीशे के घटक या अन्य किसी भी धातु का लेप (Metal Coating) धागा बनाने के लिए किया जाता है। ऐसे धागों की झारखंड में बिक्री, उत्पादन, भंडारण, आपूर्ति, आयात और प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है।
विशेष परिस्थिति में हो सकता है जुर्माना और कारावास
नियमों का उल्लंघन करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा पांच के तहत, पांच साल तक कारावास और एक लाख तक जुर्माने का प्रावधान है।
विशेष परिस्थिति में जुर्माना और कारावास दोनों एक साथ हो सकता है। इस संबंध में राज्य के सभी झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड (Jharkhand State Pollution Board) के क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश जारी कर दिया गया है।