बिहार

PM मोदी के पटना आने से पूर्व पप्पू यादव ने याद कराये उनके पुराने वादे

पटना: जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव (national president pappu yadav) ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना दौरे से पूर्व आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनसे उनके चुनावी वादों के तहत विशेष राज्य का दर्जा समेत कई महत्वपूर्ण मांग की।

पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री से ये भी कहा कि वे कम से कम आज के दिन सच की धरती पर झूठ की खेती नहीं करें। आगे चुनाव है तो साल 2024 से पहले बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे दें।

इसके अलावा वे अपने वादे के अनुसार, विशेष पैकेज और बाढ़ प्रभावित कोसी, सीमांचल और मिथिलांचल के लिए अलग से पैकेज दें, क्योंकि यहां हर साल बाढ़ की भीषण तबाही झेलने को मिलती है।

पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री (Prime minister) से बिहार में दो एम्स, नेटरहाट की तरह 10 स्कूल देंगे, आधा दर्जन IIT, 5 एयरपोर्ट, बंद पड़े चीनी व जूट मील के साथ अन्य फैक्ट्री को शुरू करने की मांग की।

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने प्रधानमंत्री ने पटना विवि को केंद्रीय विवि बनाने की बात कही थी, उसका क्या हुआ? मोदी सरकार ने अपने पहले पहले बजट में बिहार के लिए राष्ट्रीय बहुकौशल विश्वविद्यालय की घोषणा की गई थी। वह ठंडे बस्ते में है।

जमालपुर में स्थापित रेलवे अभ्यंतरण कॉलेज को विवि का दर्जा कब मिलेगा? देवघर एम्स को लेकर तो ढिंढोरा पीट रहे हैं, ये बताएं दरभंगा में एम्स कब चालू होगा? बिहार को सवा लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज क्यों नहीं मिला? बिहार में बनने वाले एयरपोर्ट का क्या हुआ? बंद पड़े फैक्ट्री को किसी भी कीमत पर चालू कराने की बात कही गई थी।

आखिर कब तक अपमान का घूंट पियेंगे नीतीश कुमार? : पप्पू यादव

उसका क्या हुआ? पूर्व सांसद ने पटना के स्मार्ट शहर (smart city) न बन पाने के मामले को भी उठाया और कहा कि पटना में सांसद, विधायक, नगर आदि तमाम जगहों पर भाजपा के नेताओं का कब्जा है, फिर भी पटना दुनिया के सबसे गंदे शहर में शुमार होता है। पटना स्मार्ट शहर कब बनेगा ?

उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों के साथ सबसे ज्यादा झूठ भाजपा ने बोला है। पप्पू यादव ने बिहार विधान सभा भवन के शताब्दी समारोह को जरूरी नहीं बताया।

उन्होंने इसी बहाने प्रधानमंत्री को घेर लिया और कहा कि इस समारोह में लोकसभा अध्यक्ष को आना चाहिए था। वहीं सांसद भवन पर नए प्रतीक का शुभारंभ भी स्पीकर को करना चाहिए था लेकिन सारी संस्थाओं पर एक व्यक्ति का कब्जा बिल्कुल गलत है।

पूर्व सांसद ने विशेष राज्य के दर्जे पर जदयू पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि वे इस मुद्दे पर राजनीति करें तो दिक्कत नहीं है, लेकिन बिहार की हकमारी पर मजबूत से कदम उठायें।

अटल जी के अलावा बीते 20 सालों से वे सरकार में हैं, फिर क्यूं नहीं मिला दर्जा? साफ है कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को भाजपा मानने को कहां तैयार है? आखिर कब तक अपमान का घूंट पियेंगे नीतीश कुमार?

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