हाजीपुर: चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि दलितों और पिछड़ों की राजनीति करने वाले लोग नंगे हो गए हैं, जबकि नीतीश कुमार ने राजनेता और प्रशासक के तौर पर Surrender कर दिया है।
अपनी जन सुराज पदयात्रा के 214 वें दिन प्रशांत वैशाली (Prashant Vaishali) के महुआ प्रखंड अंतर्गत समसपुरा पंचायत पहुंचे।
नीतीश कुमार की ये स्थिति आनंद मोहन की रिहाई से नहीं हुई
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की स्थिति यह हो गई है कि मैं मुख्यमंत्री बना रहूं बाकी बिहार में जिसको जो करना है वो कर सकता है।
नीतीश कुमार की ये स्थिति आनंद मोहन की रिहाई से नहीं हुई है, उससे पहले जब महागठबंधन की सरकार बनी थी उस समय से नीतीश कुमार इस तरह के फैसले ले रहे हैं।
उन्होने कहा कि पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई से एक बात ये स्पष्ट हो रही है कि नीतीश कुमार जाति की राजनीति करते हैं, जिसकी हत्या हुई वह दलित समाज के गरीब परिवार का व्यक्ति था।
कैबिनेट में पहले हस्ताक्षर से ही 10 लाख नौकरी दे देंगे
नीतीश कुमार जो दलितों और पिछड़ों की राजनीति करने का दावा करते हैं, ये उस समाज के सामने बिलकुल नंगे हो गए हैं।
प्रशांत किशोर ने मीडिया संवाद के दौरान 10 लाख नौकरी के सवाल पर तेजस्वी यादव पर सियासी हमला बोलते हुए कहा कि तेजस्वी ने कहा था कि हम पहले कैबिनेट (Cabinet) में पहले हस्ताक्षर से ही 10 लाख नौकरी दे देंगे। ये तेजस्वी की अज्ञानता को दिखाता है।
इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए
उन्होंने सवालिया (Questionable) लहजे में कहा कि अगर आप मुख्यमंत्री के लड़के होते हुए भी 10वीं पास नहीं कर पाए हैं तो आपको कलम चलाना कितना आता होगा।
प्रशांत किशोर ने बृजभूषण शरण सिंह मामले (Brij Bhushan Sharan Singh Case) पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि खिलाड़ियों की मांग है तो इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच का एक मानक मापदंड ये होता है कि जिस व्यक्ति पर आरोप लगाया है, व्यक्ति आरोपी है या नहीं इसका फैसला तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन उस व्यक्ति को अपने पद से इस्तीफा (Resignation) दे देना चाहिए, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके।