चंडीगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा बुलाए गए भारत बंद के कारण सोमवार को पंजाब और हरियाणा में सैकड़ों लोगों को बसों, टैक्सियों और परिवहन के अन्य साधनों के नहीं चलने से परेशानी का सामना करना पड़ा।
सार्वजनिक परिवहन के नहीं चलने से दोनों राज्यों के विभिन्न कस्बों और शहरों में रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर यात्री परेशान दिखे।
लोगों को भारी सामान के साथ यात्रा करने को मजबूर होना पड़ा और कार्यालय जाने वालों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
राज्य रोडवेज, निजी बसें और टैक्सियां नहीं चल रही है, जिससे हजारों यात्रियों को परेशानी हुई।
समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचने के इच्छुक लोगों से ऑटो-रिक्शा और साइकिल-रिक्शा ने मनमाना किराया वसूला।
संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ सहित राज्यों की अधिकांश सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। जबकि अधिकांश निजी स्कूल बंद थे, सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति नगण्य थी।
एक सरकारी कर्मचारी निशा सिंह ने कहा, हमने सभी प्रमुख सड़क संपर्क बंद होने के कारण कार्यालय नहीं आने का फैसला किया है।
सबसे ज्यादा प्रभावित स्थान लुधियाना, जालंधर, पटियाला, अमृतसर, बठिंडा, फिरोजपुर और मोगा थे।
पड़ोसी हरियाणा में, अंबाला, करनाल, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद और कुरुक्षेत्र जिलों में प्रदर्शनकारियों द्वारा राजमार्गों को अवरुद्ध करने की खबरें थीं।
हरियाणा के करनाल के एक यात्री प्रकाश सिंह ने कहा, आज मुझे किसी जरूरी काम से दिल्ली पहुंचना था। हड़ताल से आम आदमी प्रभावित हुआ है।
लगभग 4,200 हरियाणा रोडवेज बसों में प्रतिदिन 13 लाख से अधिक लोग यात्रा करते हैं, जिसमें लग्जरी वोल्वो बसें भी शामिल हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपील की, लेकिन उन्होंने किसानों से शांतिपूर्ण तरीके से आवाज उठाने को कहा।
उन्होंने कहा, हमारे किसान एक साल से अधिक समय से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं और यह उचित समय है कि उनकी आवाज सुनी जाए। मैं किसानों से शांतिपूर्ण तरीके से आवाज उठाने का अनुरोध करता हूं।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने कहा, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी किसान संघों के साथ मजबूती से खड़ी है।
सही और गलत की लड़ाई में आप तटस्थ नहीं रह सकते। हम हर कांग्रेस कार्यकर्ता से तीन असंवैधानिक काले कानूनों के खिलाफ अपनी पूरी ताकत से लड़ने का आग्रह करते हैं।