रांची: झारखंड हाई कोर्ट (High Court) से शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को बड़ा झटका लगा है।
चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन (Justice Dr. Ravi Ranjan) और जस्टिस एसएन प्रसाद की कोर्ट ने मुख्यमंत्री के करीबियों के शेल कंपनियों में इन्वेस्टमेंट पर दायर जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया है।
इसे सुनवाई योग्य माना है। कोर्ट ने मेंटेनबिलिटी (Maintainability) के बिंदु पर सरकार की दलीलों को खारिज कर दिया है।
राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने आदेश की कॉपी आने तक कोर्ट से समय की मांग की है, जबकि याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई शीघ्र शुरू करने की मांग की।
सरकार ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने पहचान छिपाई है
याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर इसमें देर हुई तो साक्ष्य में छेड़छाड़ संभव है। मामले पर अगली सुनवाई 10 जून को होगी।
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट में याचिका दायर होने पर सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक हस्तक्षेप याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाई कोर्ट को इसकी मेंटेनेबिलिटी पर सुनवाई करने का आदेश दिया था।
इसके बाद एक जून को इस मामले पर चार घंटे की बहस हुई थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया है।
इस मामले में सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की ओर से याचिका को सुनवाई योग्य नहीं बताते हुए खारिज करने का आग्रह किया गया था। सरकार ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने पहचान छिपाई है।