पटना/मधुबनी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को “अपने मन की बात” में बिहार के मधुबनी शहर का जिक्र किया।
यहां डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय और वहां के स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा संचालित योजना से किसानों को लाभ मिल रहा है। साथ ही स्वच्छ भारत अभियान को भी नई ताकत मिल रही है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय ने “सुखेत मॉडल” नाम का एक कार्यक्रम शुरू किया है। इसका मुख्य उद्देश्य गांवों में प्रदूषण को कम करना है।
इसमें गांव के किसानों से गोबर और खेतों एवं घरों से निकलने वाला अन्य कचरा इकट्ठा किया जाता है और उसके बदले में गांववालों को रसोई गैस सिलेंडर के पैसे दिए जाते हैं।
जो कचरा गांव से जमा होता है, उसके निपटारे के लिए वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने सुखेत मॉडल के फायदे गिनाते हुए बताया कि इससे चार लाभ स्पष्ट रूप से सामने नजर आ रहे हैं।
एक; गांव को कचरा एवं गंदगी से मुक्ति, दूसरा; गांव को प्रदूषण से मुक्ति, तीसरा; गांव वालों को गैस सिलेंडर के लिए पैसे और चौथा; खेती के लिए जैविक खाद की उपलब्धता।
उन्होंने कहा कि यह गांव की शक्ति को कितना बढ़ा सकता है। यही तो आत्मनिर्भरता है।