सीवान: बिहार और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती सीवान के दक्षिणांचल क्षेत्र के सिसवन प्रखंड में स्थित ऐतिहासिक शिव मंदिर बाबा महेंद्रनाथ धाम (Baba Mahendranath Dham) में अब श्रद्धालु देवघर बाबा धाम की तरह ही अरघा से जलार्पण करेंगे।
बाबा महेंद्रनाथ मंदिर में अरघा से जलार्पण की शुरुआत हो गई।हालांकि अभी मुख्य मंदिर के दाहिने में एक ही अरघा की स्थापना होने से महिला व पुरूष श्रद्धालुओं ने एक साथ जलाभिषेक किये।
रविवार तक मंदिर के सामने महिलाओं के जलापर्ण के लिये अरघा लग जायेगा।
उल्लेखनीय हो कि सावन की पहली सोमवारी को हुये हादसे के बाद मेंहदार की श्रावणी मेला (Shravani Mela) की व्यवस्था में व्यापक बदलाव किया गया है।
सभी रास्तों की बैरिकेडिंग कर दी गई
अब पुरुष व महिला श्रद्धालु अलग अलग घाटों से जल लेकर अलग अलग रास्ते से मंदिर परिसर (Temple Complex) में प्रवेश कर अलग अलग अरघा में जलार्पण कर अलग अलग रास्ते से मंदिर से निकास करने की व्यवस्था की गई है।
किसी भी श्रद्धालु को श्रावण महीने में मंदिर के गर्भगृह में जाने की इजाजत नही होगी।महिला श्रद्धालु महिला घाट से जल लेकर बैरिकेडिंग की गई रास्ते से मुख्य प्रवेश द्वार से मंदिर परिसर पहुचेंगी व अरघा में जलार्पण कर उत्तरी द्वार से निकल जाएंगी वही पुरूष श्रद्धालु कमलदाह सरोवर के पुरुष घाट से जल लेकर मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे व अरघा में जलार्पण कर पश्चिमी गेट से होकर निकलेंगे।इसके लिये सभी रास्तों की बैरिकेडिंग (Barricading) कर दी गई है।
कमलदाह सरोवर की भी बैरिकेडिंग करते हुये लाल निशान के जरिये खतरनाक जगहों को प्रदर्शित किया गया है वही सरोवर में मोटरबोट के साथ गोताखोरों की तैनाती की गई है। मंदिर में जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं को कई बदली हुई व्यवस्था से जलाभिषेक (Jalabhishek) करने वाले श्रद्धालु खुश दिखे।