नई दिल्ली : Delhi Metro में मिनी स्कर्ट (Mini Skirt) और ब्रा (Bra) पहने एक लड़की का वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रहा है।
पब्लिक प्लेस (Public Place) पर ऐसे कपड़े पहनकर निकलने के बाद अश्लीलता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस छिड़ गई है।
कुछ लोग इसे वीमेन एम्पावरमेंट (Women Empowerment) से जोड़कर देख रहे हैं तो कुछ इसका विरोध कर रहे हैं।
आइए सवाल-जवाब के जरिए समझते हैं कि कानून में ऐसे मामलों के लिए क्या व्यवस्था की गई है।
क्या कहता है भारत का कानून?
IPC की धारा-292 अश्लील सामग्री की बिक्री/वितरण/प्रकाशन पर रोक लगाती है। यह धारा IPC में ऑब्सीन (Obscene) की परिभाषा भी देता है।
इस धारा के अनुसार, ष्कोई किताब, पैम्फलेट, पेपर, राइटिंग, ड्रॉइंग, पेंटिंग, प्रतिनिधित्व, आकृति या कोई अन्य वस्तु तब अश्लील मानी जाएगी, जब वह कामोत्तेजक है या कामुक व्यक्तियों के लिए रूचिकर हो, या उसकी सामग्री कामुक विचार (Sensual Thoughts) जगाए या उस सामग्री को देखने, पढ़ने या सुनने वाले व्यक्तियों को दुराचारी और भ्रष्ट बनाए।
अश्लील कृत्यों और गीतों के लिए सजा
Metro में बिकनी पहनने पर IPC की धारा 294 लागू हो सकती है, जो अश्लील कृत्यों (Obscene Acts) और गीतों के लिए सजा तय करती है, जो दूसरों को परेशान करता है।
धारा की उपधारा (A) के तहत जो किसी भी सार्वजनिक जगह पर कोई अश्लीलता करता है, या उपधारा (B) के तहत जो सार्वजनिक जगह (Public Place) में या उसके पास कोई भी अश्लील गीत या शब्द गाता है या बोलता है, उसे किसी जेल हो सकती है।
सजा को बाद में तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माना (Fine) लगाया जा सकता है, या दोनों ही सजा हो सकती है।
सार्वजनिक जगहों पर प्रदर्शन करना गलत
इंडीसेंट रिप्रजेंटेशन ऑफ वीमेन (प्रिवेंशन) एक्ट, 1986 (Indecent Representation of Women (Prevention) Act, 1986) के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को ऐसी कोई भी सामग्री प्रकाशित करने, प्रदर्शित करने, या ऐसा करने में मदद करने या हिस्सा लेने या फिर ऐसा कोई विज्ञापन (Advertisement) इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है, जिसमें किसी महिला की आकृति या रूप या शरीर के किसी हिस्से का इस प्रकार चित्रण किया गया हो, जो अशोभनीय या अपमानजनक हो या सार्वजनिक नैतिकता (Public Morality) को भ्रष्ट या नुकसान करने वाला हो।
इस अधिनियम में यह है सजा का प्रावधान
ऽ पहली बार अपराध पर दो साल तक जेल और दो हजार का जुर्माना। ऽ बार-बार अपराध करने पर पांच साल तक कैद और दस हजार से एक लाख तक का जुर्माना।
5 साल तक हो सकती है सजा
Internet के इस युग में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (Technology Act) अस्तित्व में आया। इस एक्ट की धारा 67(A) Online अश्लीलता के मुद्दे से जुड़ी है।
यह धारा इलेक्ट्रॉनिक रूप (Electronic Form) में किसी अश्लील सामग्री का प्रकाशन या प्रसारण करने पर सजा तय करती है।
पहली बार इस अधिनियम के तहत दोष साबित होने पर पांच साल तक की सजा हो सकती है और 10 लाख तक का जुर्माना लग सकता है।
वहीं दूसरी बार या उससे ज्यादा बार दोष पाए जाने पर 7 साल कारावास की सजा दी जा सकती है और जुर्माना भी दस लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है।