भारत

जल-जंगल-जमीन को बचाने के लिए समर्पित थे बिरसा मुंडा: राहुल गांधी

मुंडा आदिवासी अस्मिता और संस्कृति के जननायक और महान स्वतंत्रता सेनानी थे

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी वीर बिरसा मुंडा का जीवन जल-जंगल-जमीन को बचाने के लिए समर्पित रहा। मुंडा आदिवासी अस्मिता और संस्कृति के जननायक और महान स्वतंत्रता सेनानी थे।

राहुल ने गुरुवार को वीर बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश के लिए समर्पित ऐसे महानायक को वह नमन करते हैं।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मुंडा के प्रति श्रद्धांजलि प्रकट करते हुए कहा कि महज 25 साल की उम्र में धरती आबा ने शांति की कलम से क्रांति की जो गाथा लिखी, वो इतिहास के पन्नों पर अमिट अक्षरों में दर्ज है।

अंग्रेजों ने  छल से बंदी बना लिया

उल्लेखनीय है कि भगवान बिरसा (Lord Birsa) का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के खूंटी जिले के उलिहातू गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम सुगना मुंडा और माता का नाम करमी था।

वर्ष 1895 में बिरसा ने अंग्रेजों की ओर से लागू की गई जमींदारी प्रथा और राजस्व-व्यवस्था (Revenue system) के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। जिसके चलते अंग्रेजों ने उन्हें छल से बंदी बना लिया।

भगवान बिरसा की 09 जून, 1900 को जेल में संदेहास्पद अवस्था में मौत हो गई थी। बिरसा के संघर्ष और बलिदान की वजह से उन्हें हम ‘धरती आबा’ (‘Dharti Aaba’) के नाम से भी जानते हैं।

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