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BJP के बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने दिया इस्तीफा

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पटना: पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करना BJP के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन (Rajeev Ranjan) को भारी पड़ गया।

पार्टी की नीतियों (Party Policies) के खिलाफ लगातार बोलने के चलते BJP से उन्हें तत्काल (Immediate) प्रभाव से छह वर्षों के लिए निलंबित कर दिया है।

इस बीच Rajeev Ranjan ने भी पार्टी की सदस्यता और पद से इस्तीफा (Resignation) दे दिया है।

 

BJP के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने राजीव रंजन को लिखे निलंबन पत्र (Suspension Letter) में कहा है कि पार्टी के जिम्मेदार पद पर रहते हुए आपके बयान Party की मूल भावनाओं के विपरीत आ रहे हैं।

इस विषय में आपको मौखिक रूप से पहले भी बताया जा चुका था, इसके बावजूद पार्टी लाइन से हटकर आपके बयान सामने आ रहे हैं। यह सरासर पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन है।

BJP अनुशासन से चलने वाली और अपने कार्यकर्ताओं के अनुशासन (Dicipline) के लिए जानी जाने वाली पार्टी है।

 

प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा है कि प्रदेश उपाध्यक्ष (State Vice President) के पद पर रहते हुए, पार्टी की भावनाओं के विपरीत आ रहे आपके बयान न केवल आपके पद की गरिमा को धूमिल करते हैं, बल्कि इससे पार्टी की छवि भी खराब होती है।

इस अनुशासनहीनता (Indiscipline) के लिए आपको तत्काल पदमुक्त करते हुए अगले छह वर्षों के लिए पार्टी से निलंबित किया जाता है। इस पूरे मजमून के नीचे प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल के हस्ताक्षर हैं।

 

 

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प्रदेश उपाध्यक्ष ने पार्टी को दिया इस्तीफा

 

BJP के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने भी पार्टी छोड़ने की घोषणा की है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को पत्र भेजकर पार्टी की सदस्यता और पद से Resignation देने की बात कही है।

Rajeev Ranjan ने इस्तीफे में लिखा है कि बिहार BJP PM नरेन्द्र मोदी की नीतियों और आदर्शों से पूरी तरह भटक चुकी है।

PM के ‘सबका साथ-सबका विकास’ की बात केवल कहने तक ही सीमित हो चुकी है। पार्टी में पिछड़ा/अतिपिछड़ा और दलित समाज के विरोधी तत्व हावी हो चुके हैं।

 

उन्होंने लिखा है कि BJP में हालात यह है कि जो नेता पिछड़े समाज के नहीं हैं वह भी इस समाज के नाम पर दशकों से सत्ता सुख भोग रहे हैं।

इनके चहेते चंद नेताओं के अतिरिक्त पार्टी में पिछड़ा/अतिपिछड़ा व दलित समाज के नेताओं (Leaders) का उपयोग केवल झंडा ढोने तक ही सीमित कर दिया गया है, जो PM की नीतियों की सरासर उपेक्षा है।

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