नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में बीते दिनों आगजनी की घटना में मारे गए लोगों के लिए राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
घटना की सच्चाई का पता लगाने के लिए गठित भाजपा की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में राज्य में कानून व्यवस्था के पूरी तरह ध्वस्त होने का आरोप लगाया है।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को बुधवार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने तृणमूल सरकार पर कई सनसनीखेज आरोप लगाए।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासन की सांठगांठ से माफिया शासन चला रहे। राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है।
उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक व भाजपा सांसद बृजलाल, मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त व सांसद सत्यपाल सिंह, पूर्व आईपीएस व सांसद केसी रामामूर्ति, पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष व सांसद सुकांतो मजूमदार और पूर्व आईपीएस व प्रवक्ता भारती घोष की पांच सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने नड्डा को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार हिंसा का सच सामने नहीं आने दे रही है।
आग की इस घटना में महिलाओं-बच्चे सहित आठ लोगों की जलकर मौत हो गई
कमेटी ने कहा कि यह हिंसा सुनियोजित, पुलिस एवं प्रशासन के संरक्षण में हुई। बगतूई गांव में हुए इस नरसंहार में पूरा प्रशासनिक अमला शामिल था।
बंगाल में माफिया-तृणमूल कांग्रेस की मिलीभगत है। रिपोर्ट का दावा है कि आग से बचने के लिए भागने वाले लोगों को पकड़कर हत्या की गई।
कमेटी ने कहा कि भाजपा फैक्ट फाइंडिंग कमेटी पहले ही कोलकाता पहुंच चुकी थी उसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का दौरा करने का निर्णय किया।
दबाव से विवश हो मुख्यमंत्री के इस दौरे के कारण फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को जबरन रोका गया और उस पर हमला भी किया गया।
इस दौरान कमेटी की सुरक्षा के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस का एक भी अफसर,कांस्टेबल नजर नहीं आया। कमेटी ने पुलिस महानिदेशक और अन्य अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की किंतु विफल रही।
कमेटी का कहना है कि बंगाल सरकार हिंसा का सच सामने नहीं आने दे रही है। यह हिंसा सुनियोजित, पुलिस एवं प्रशासन के संरक्षण में हुई।
बगतूई गांव में हुए इस ‘नरसंहार’ में पूरा प्रशासनिक अमला शामिल था। बंगाल में माफिया-टीएमसी की मिलीभगत है। रिपोर्ट का दावा है कि आग से बचने के लिए भागने वाले लोगों को पकड़कर हत्या की गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को बगतुई गांव का दौरा कर लोगों में व्याप्त डर को खत्म करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि आगजनी की इस घटना में नौ लोगों की जलकर मौत हुई है। बीरभूम के रामपुरहाट में हुई आगजनी की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है।
यहां तृणमूल कांग्रेस के नेता की हत्या होने के बाद उग्र भीड़ ने कई घरों में आग लगा दी। आग की इस घटना में महिलाओं-बच्चे सहित आठ लोगों की जलकर मौत हो गई।