मुंबई: बांबे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने सोमवार को रिलायंस समूह के अध्यक्ष Anil Ambani के खिलाफ आयकर के नोटिस पर 17 नवंबर तक कार्रवाई न करने का आयकर विभाग को आदेश दिया है।
दरअसल, आयकर विभाग (Income Tax Department) ने 8 अगस्त को अनिल अंबानी को कथित तौर पर 420 करोड़ रुपये की कर चोरी के एक मामले में नोटिस भेजा था।
आयकर ने उनके स्विस बैंक खाते (Swiss Bank Accounts) में जमा 814 करोड़ रुपये में 420 करोड़ रुपये की कर चोरी का आरोप लगाया है।
अनिल अंबानी ने कोर्ट को बताया कि यह अधिनियम 2015 में अस्तित्व में आया
आयकर विभाग ने अनिल अंबानी को भेजे नोटिस में कहा कि विदेशी बैंकों (Foreign Banks) में जमा संपत्ति की जानकारी जानबूझकर विभाग को नहीं दी गई।
इस स्थिति में अनिल अंबानी पर काला धन अधिनियम की धारा 50 और 51 के तहत मुकदमा क्यों नहीं चलाया जाना चाहिए। काला धन अधिनियम में दोषी पाए जाने पर 10 साल के कारावास का प्रावधान है ।
अनिल अंबानी ने आयकर के इस नोटिस के विरुद्ध बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर सोमवार को हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति एसवी. गंगापुरकर और आरएन लड्ढा (SV. Gangapurkar and RN Laddha) के बेंच के समक्ष सुनवाई हुई।
अनिल अंबानी ने कोर्ट को बताया कि यह अधिनियम 2015 में अस्तित्व में आया, जबकि जिस धन और लेनदेन (Transactions) के संबंध में नोटिस जारी किया गया था, वह वर्ष 2006-07 और 2010-11 के बीच के हैं। अत: यह अधिनियम इस प्रकरण में लागू ही नहीं होता।
2012 में बहामास में पंजीकृत कंपनी पूसा से 10 मिलियन डॉलर प्राप्त किए
आयकर विभाग ने अनिल अंबानी की याचिका पर जवाब देने के लिए हाई कोर्ट से समय मांगा है। इस पर संज्ञान लेते हुए High Court ने इस मामले की सुनवाई 17 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है और तब तक आयकर विभाग को अनिल अंबानी के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है।
बताया जा रहा है कि आयकर विभाग ने यह नोटिस अनिल अंबानी को ब्लैक मनी एक्ट (Black Money Act) के तहत भेजा है। जुलाई 2010 में ब्रिटिश वर्जिन Islands में पंजीकृत कंपनी ने ज्यूरिख में बैंक ऑफ साइप्रस में एक खाता खोला।
आयकर विभाग का आरोप है कि अनिल अंबानी की कंपनी और उसके उस पंजीकृत कंपनी के फंड के अंतिम लाभकारी मालिक हैं। इस कंपनी ने 2012 में बहामास में पंजीकृत कंपनी पूसा से 10 मिलियन डॉलर प्राप्त किए।
इसके लाभार्थी अनिल अंबानी थे। टैक्स अधिकारियों के मुताबिक, दो स्विस बैंक खातों में कुल 814 करोड़ रुपये हैं, जिस पर 420 करोड़ रुपये का TAX लगता है, जो अनिल अंबानी ने भारतीय आयकर विभाग (Indian Income Tax Department) को नहीं दिए हैं।