भारत

फ्लाइट से कम और First AC के बराबर होगा बुलेट ट्रेन का किराया

प्रोजेक्ट पूरा होने के बार किराया तय किया जाएगा

नई दिल्ली: बुलेट ट्रेन (Bullet train) को लेकर केंद्र सरकार का दावा है कि ये लोगों की पहुंच में होगा। बुलेट ट्रेन का किराया फ्लाइट से कम और फस्र्ट एसी (First AC) के बराबर रखा जाएगा।

केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुलेट ट्रेन का किराया फर्स्ट एसी के बराबर रखने के संकेत दिए हैं। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि किराए के बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है लेकिन ये लोगों की पहुंच में ही होगा।

इसके लिए फर्स्ट एसी को आधार बनाया जा रहा है, जो बहुत ज्यादा नहीं है। यह फ्लाइट से कम होगा और सुविधाएं अच्छी मिलेंगी। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट पूरा होने के बार किराया तय किया जाएगा।

केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने सोमवार को बुलेट ट्रेन परियोजना का दौरा कर ये स्पष्ट किया कि मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल परियोजना पूरी होने के बाद ही दूसरी हाईस्पीड रेल परियोजना शुरू की जाएगी।

उन्होंने कहा कि 2026 में गुजरात के सूरत और बिलिमोरा के बीच देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा क्योंकि इस दिशा में अच्छी प्रगति हो रही है।

वैष्णव, सरकार की महत्वाकांक्षी अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना (Ahmedabad-Mumbai Bullet Train Project) की प्रगति का जायजा लेने के लिए सूरत में थे।

यात्रा का समय घटकर तीन घंटे रह जाएगा

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, हमने सूरत और बिलिमोरा के बीच 2026 में पहली बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा है। इसमें अच्छी प्रगति हो रही है और हमें विश्वास है कि तब तक हम ट्रेन चलाने का काम पूरा कर लेंगे।

रेलमंत्री ने कहा कि चीन ने पहली हाईस्पीड रेल परियोजना केवल 115 किलोमीटर लंबी बनाई थी। इससे सीख लेते हुए चीन ने देश में विशाल हाईस्पीड रेल का नेटवर्क खड़ा कर दिया है।

हमारे यहां वापी से साबरमती के बीच 352 किलोमीटर लंबी लाइन में सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद तीन बड़े शहरों में इतना यातायात होता है कि मुंबई का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। बहुत सी जानकारियां इसी से हासिल हो जाएंगी।

मुंबई और अहमदाबाद के बीच 320 किमी की रफ्तार से बुलेट ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है। दोनों शहरों के बीच कुल 508 किमी की दूरी है और इसमें 12 स्टेशन होंगे। इस ट्रेन से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय घटकर तीन घंटे रह जाएगा।

अभी इसमें छह घंटे का समय लगता है। इस प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत 1.1 लाख करोड़ रुपये है। इसमें से 81 फीसदी फंडिंग जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन (Japan International Cooperation) एजेंसी कर रही है।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने दावा किया कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के 61 किमी रूट पर पिलर खड़े कर दिए गए हैं और 150 किमी खंड पर काम चल रहा है।

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