नई दिल्ली: देश के दूसरे सबसे रईस कारोबारी गौतम अडाणी की संपत्ति में एक सप्ताह में ही गौतम अडाणी करीब 15.8 अरब डॉलर की जोरदार गिरावट आ गई है।
वह एक सप्ताह पहले तक दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से अपनी संपत्ति बढ़ाने में लगे हुए थे।
जिस गति से उनका नेटवर्थ बढ़ रहा था, उसके आधार पर यह भी अनुमान लगाया जाने लगा था कि अगले कुछ महीनों में संपत्ति के मामले में गौतम अडाणी रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी के स्तर पर पहुंच सकते हैं।
दूसरे पखवाड़े में 14 जून से लेकर 18 जून तक के कारोबारी सप्ताह के दौरान अडाणी ग्रुप की कंपनियों को शेयर बाजार की हलचल ने 1,59,721 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया।
एक सप्ताह के कारोबार में ही शेयर बाजार में अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर औंधे मुंह धड़ाम हो गए।
इस वजह से एक सप्ताह पहले तक जिस अडाणी ग्रुप की 6 कंपनियों के मार्केट कैप में हर सप्ताह हजारों करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो रही थी, उन्हीं कंपनियों के मार्केट कैप में 1.59 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा की कमी आ गई।
ग्रुप की कंपनियों के शेयर में आई भारी गिरावट के कारण अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के नेटवर्थ में भी करीब 15.8 अरब डॉलर की कमी आ गई।
ब्लूमबर्ग बिलियनरीज इंडेक्स के मुताबिक 1 सप्ताह पहले तक गौतम अडाणी का नेटवर्थ 78.7 अरब डॉलर का था, जो शेयर बाजार में 1 हफ्ते में लगे झटके की वजह से ही घटकर 62.9 अरब डॉलर रह गया।
दरअसल पिछले सप्ताह के पहले दिन सोमवार को ही खबर आई थी कि नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निर्देश पर अडाणी ग्रुप की कंपनियों में लगभग 43,559 करोड़ रुपये का निवेश करने वाले अलबुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड नाम के तीन विदेशी फंडों के इन्वेस्टमेंट अकाउंट को फ्रीज कर दिया है।
खबरों में बताया गया कि इन तीनों विदेशी फंडों ने सेबी के निर्देश के बावजूद अपना केवाईसी भी पूरा नहीं किया है। साथ ही ये तीनों विदेशी फंड मॉरीशस में एक पते पर ही रजिस्टर्ड हैं।
खबरों में ये भी कहा गया कि इन्वेस्टमेंट अकाउंट फ्रीज हो जाने के बाद ये कंपनियां न तो शेयरों की खरीद कर सकेंगी और ना ही पहले से खरीदे गए शेयरों की बिक्री कर सकेंगी।
इस खबर के फैलते ही अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भगदड़ मच गई और ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर में जबरदस्त गिरावट आ गई।
अडाणी इंटरप्राइजेज का शेयर 20 फीसदी तक गिर गया और अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के शेयर 16.6 फीसदी तक लुढ़क गए।
अडाणी पावर, अडाणी ट्रांसमिशन, अडाणी ग्रीन एनर्जी और अडाणी टोटल गैस के शेयर 5 फीसदी की कमजोरी के साथ लोअर सर्किट तक पहुंच गए।
हालांकि बाद में अडाणी ग्रुप ने एक बयान जारी कर तीन विदेशी फंड के इनवेस्टमेंट अकाउंट को फ्रीज किये जाने की खबर को भ्रामक बताया।
अडाणी ग्रुप के स्पष्टीकरण के बावजूद निवेशकों में इस ग्रुप की कंपनियों के शेयरों को लगातार लेकर लगातार डर बना हुआ है।
पिछले सप्ताह लगातार नुकसान का सामना करने के बाद आज भी अडाणी ग्रुप की चार कंपनियों के शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं।
इनमें से अडाणी ग्रीन एनर्जी, अडाणी टोटल गैस, और अडाणी ट्रांसमिशन में आज भी बाजार खुलते ही लोअर सर्किट लग गया।
पिछले सप्ताह भी इन कंपनियों में लगातार लोअर सर्किट लगा था। हालांकि अडाणी इंटरप्राइजेज और अडाणी पोर्ट्स के शेयरों में बढ़त दिखाई दे रही है।
खबर में ये भी बताया गया था कि जिन तीन विदेशी फंडों के इन्वेस्टमेंट अकाउंट को फ्रीज किया गया है, उन्होंने अडाणी ट्रांसमिशन में 14,112 करोड रुपये का निवेश करके 8.03 फीसदी की हिस्सेदारी ली हुई है।
इसी तरह अडाणी टोटल गैस में 10,578 करोड़ रुपये के निवेश से इन तीनों कंपनियों ने 5.92 फीसदी हिस्सेदारी ली है, जबकि अडाणी ग्रीन एनर्जी में 3.58 फीसदी हिस्सेदारी के लिए इन तीनों विदेशी फंडों ने 6,861 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
जाहिर है कि विदेशी फंड के निवेश के मामले में अडाणी ग्रुप की इन तीन कंपनियों का नाम सामने आने की वजह से शेयर बाजार में निवेशक अभी भी इन कंपनियों के शेयर पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं।
इसी वजह से इन कंपनियों के शेयर में लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है।
जिससे अडाणी ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैप में तो कमी आ ही रही है, ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के नेटवर्थ को भी करारा झटका लगा है।
शेयर बाजार में हुई जबरदस्त गिरावट के का…