नई दिल्ली: कोरोना ने कई कारोबार को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। इस फेरहिस्त में शामिल है, आइसक्रिम ice cream बनाने वालों का भी नुकसान हुआ है।
इनके लिए पिछला साल भी यूं ही चला गया था। इस साल सर्दियां खत्म होने के बाद आइसक्रीम की डिमांड उठनी शुरू हुई, पर बीते 19 अप्रैल से दिल्ली में लॉकडाउन हो गया।
इस समय लॉकडाउन खुला है, लेकिन इसकी डिमांड पुराने स्तर पर नहीं आ सकी है। कोरोना के डर से अब लोग खुले आइसक्रीम खाना कम कर दिया है।
वे सीलबंद आइसक्रीम पंसद कर रहे हैं।
आइसक्रीम मैन्यूफैक्चरर्स ने बताया कि अब अनलॉक में आइसक्रीम की डिमांड में इजाफा हुआ है, पर अधिकतर लोगों ने कंपनी से सील बंद आइसक्रीम को प्राथमिकता दे रहे है।
पिछले साल के लॉकडाउन में काफी बर्बादी हुई। फरवरी में सर्दियां खत्म होते ही मार्च से आइसक्रीम का सीजन उठना शुरू होता है, जो अप्रैल में पीक पर होता है।
इस साल 19 अप्रैल को दिल्ली में लॉकडाउन लग गया। मार्च से मई तक काम चलता है, जून-जुलाई में बारिश शुरू हो जाती हैं,तब धीरे-धीरे बिजनेस कम होने लगता है।
इस साल आइसक्रीम शेक का काम बिल्कुल नहीं चला। अब डर-डर कर लोगों ने शुरुआत की है। अभी रेस्टोरेंट्स और होटल्स में आइसक्रीम की डिमांड घट गई है।
शादी-ब्याह में सीमित ग्राहक आ रहे हैं। कई जगहों पर कैटरिंग में आइसक्रीम से परहेज किया जा रहा है।
।इस सबका असर बिजनेस पर पड़ रहा है। एक अन्य कारोबारी ने कहा कि हमारा काम तो पिछले साल से भी ज्यादा खराब हो गया है।
लॉकडाउन में कामगार चले गए, जो अब वापस नहीं आ रहे हैं। अप्रैल, मई और जून में ठीक काम चलता है। इसी दौरान बंदी रही।
अचानक लॉकडाउन की वजह से फैक्ट्री में काफी माल फंस गया। अब या तो उसे सड़क पर फेंक देते या उसे स्टॉक में रखकर बिजली फूंकते।
हमारे लिए तो लॉकडाउन खुलना, नहीं खुलने के बराबर है। सरकार की ओर से भी कोई राहत नहीं मिल रही है।
दिल्ली और हरियाणा में आइसक्रीम पार्लर का भी ज्यादा ट्रेंड नहीं है। इस काम में 50 प्रतिशत का खर्च,तब कच्चे माल चीनी, पाउडर, फ्लेवर और लेबर पर हो जाता है।
30 प्रतिशत वेंडर को जाता है। सरकार 18 प्रतिशत जीएसटी मांग रही है। अब 2 प्रतिशत के लिए कौन काम करेगा?
कोरोना से पहले 10 हजार रुपये की रोजाना बिक्री हो जाती थी। कम सेल होने से कमीशन भी थोड़ा मिल रहा है।
स्कूल और कॉलेज भी बंद हैं।वरना स्टूडेंट्स भी आते जाते आइसक्रीम खरीदते थे। अभी कोरोना का डर बना हुआ है।
बहुत कम तादाद में लोग घर से निकल रहे हैं। आइसक्रीम का काम शाम से आधी रात तक चलता है।
कोविड और सरकार की सख्ती के चलते शाम में जल्दी काम बंद करना पड़ रहा है। किसी तरह इस भयावह दौर का सामना कर रहे हैं।
वैसे भी आइसक्रीम को लोग हैप्पी मूड में खाना पसंद करते हैं। कोरोना की दूसरी लहर में बहुत से लोगों के अपनों ने जान गंवाई हैं।
आइसक्रीम का क्रेज लौटने में अभी वक्त लगेगा।