कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय (High Court) की एक खंडपीठ ने सोमवार को एक जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें पाश्र्व गायक केके (Playback Singer KK) की मौत की सीबीआई जांच की मांग की गई थी।
एडवोकेट रबीशंकर चट्टोपाध्याय ने केके की मौत की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपील की थी।
सोमवार दोपहर को मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया।
अपनी अपील में, याचिकाकर्ता रबीशंकर चट्टोपाध्याय ने तर्क दिया कि उस दुर्भाग्यपूर्ण शाम को नजरूल मंच में पूरी तरह से कुप्रबंधन था और स्थानीय प्रशासन की ओर से लापरवाही अराजकता के कारणों में से एक थी।
CBI जांच आवश्यक
इसलिए, कुप्रबंधन के पीछे लापरवाही के बारीक बिंदुओं की पहचान करने की आवश्यकता है और इसके लिए सीबीआई जांच आवश्यक है।
31 मई को, दक्षिण कोलकाता के नजरूल मंच में गुरुदास कॉलेज के वार्षिक कॉलेज उत्सव (Annual college festival of Gurudas College) में प्रदर्शन करने के बाद केके का निधन हो गया।
आयोजन के दौरान कार्यक्रम स्थल पर कुप्रबंधन के कई आरोप लगे जहां सभागार की बैठने की क्षमता से दोगुने से अधिक प्रवेश किया गया था। दरअसल, केके ने अपने परफॉर्मेंस के दौरान कई बार बेचैनी की शिकायत की थी।
जानकारी के मुताबिक भीड़भाड़ के कारण सभागार की Air Conditioning मशीनें ठीक से अपना कार्य नहीं कर पा रही थीं, जिससे कार्यक्रम स्थल पर घुटन हो गई।
पश्चिम बंगाल के बांकुरा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के लोकसभा सदस्य पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) को पत्र लिखकर इस घटना की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग कर चुके हैं।
और अब कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने सीबीआई जांच की मांग वाली जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए पूरे क्रम में एक नया आयाम जोड़ दिया है।