कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने छात्र नेता अनीस खान के शव का दूसरी बार पोस्टमार्टम करने और उनकी मौत से संबंधित विशेष जांच दल (एसआईटी) की प्रगति रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर सौंपने का बृहस्पतिवार को आदेश दिया।
अदालत ने हावड़ा के जिला न्यायाधीश को खान के शव के दूसरे पोस्टमार्टम की निगरानी करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने यह निर्देश भी दिया कि जिला न्यायाधीश जांच के उद्देश्य से खान के मोबाइल फोन को अपने कब्जे में लें।
इससे पहले उन्होंने आदेश दिया था कि खान की मौत के मुद्दे को अदालत की स्वत: संज्ञान याचिका के रूप में लिया जाए।
आलिया विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र के परिवार के सदस्य उनकी मौत की केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराये जाने की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने यह कहते हुए फोन एसआईटी को सौंपने से इनकार कर दिया कि वे इसे केवल सीबीआई को देंगे।
न्यायाधीश ने एसआईटी को सुनवाई की अगली तारीख तक प्रगति रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया, जो दो सप्ताह बाद होगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को मौत के मामले में एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था और उसे 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।
वरिष्ठ अधिवक्ता विकाश भट्टाचार्य ने खान की हत्या का आरोप लगाते हुए अदालत के समक्ष दावा किया था कि उन पर चार लोगों ने बुरी तरह से हमला किया था, जिनमें से एक पुलिस की वर्दी में था और अन्य तीन सिविल पुलिस की पोशाक में थे।
उन्होंने दावा किया कि छात्र नेता को 19 फरवरी की रात को हावड़ा जिले के अमता स्थित उनके घर की दूसरी मंजिल से बाहर फेंक दिया गया था।
भट्टाचार्य ने दावा किया कि सामाजिक कार्यकर्ता अनीस खान की हत्या ”सुनियोजित” थी। उन्होंने अदालत से अपील की कि इस मामले की स्वतंत्र जांच का आदेश दिया जाए।
पुलिस ने अमता इलाके में खान के घर पर कोई टीम भेजने से इनकार किया था और एसआईटी ने अब तक मामले के सिलसिले में एक नागरिक स्वयंसेवक और एक होमगार्ड को गिरफ्तार किया है।
राज्य सरकार ने कहा कि एडीजी (सीआईडी) ज्ञानवंत सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी निष्पक्ष जांच करेगी।
उच्च न्यायालय ने सोमवार को खान की कथित हत्या का स्वत: संज्ञान लिया था।