मुंबई: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार को विशेष कोर्ट में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की जमानत याचिका (Anil Deshmukh Bail ) का जोरदार विरोध किया। उसके बाद विशेष कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई 18 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।
विशेष कोर्ट में CBI के वकील Ashish Chavan ने कहा कि अनिल देशमुख और उनके दो सहायकों के विरुद्ध वसूली के सबूत मिलने के बाद ही मामला दर्ज किया गया था।
CBI की ओर से मामला दर्ज किए जाने के बाद अनिल देशमुख ने गृहमंत्री पद से इस्तीफा (Resignation) दे दिया था।
अनिल देशमुख को 4 अक्टूबर को जमानत दे दी थी
अनिल देशमुख ने अपने सहायकों के माध्यम से मुंबई के होटलों से रंगदारी वसूल (Extortion) करवाई थी। इसकी स्वीकृति सरकारी गवाह बने पूर्व पुलिसकर्मी सचिन वाझे ने दी है।
मामले की जांच जारी है और जमानत देने पर जांच प्रभावित हो सकती है। सरकारी वकील (Government counsel) की जिरह आज पूरी नहीं हो सकी। इसी वजह से मामले की सुनवाई कोर्ट ने 18 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
दरअसल, हाई कोर्ट ने मनी लॉड्रिंग (Money laundering) मामले में अनिल देशमुख को 4 अक्टूबर को जमानत दे दी थी। उसके बाद अनिल देशमुख की ओर से विशेष कोर्ट में जमानत की याचिका दाखिल की गई थी।
कोर्ट के आदेश के मुताबिक शुक्रवार को CBI के वकील ने इस मामले में अपना उत्तर दाखिल किया और जमानत का विरोध किया ।
अनिल देशमुख न्यायिक हिरासत में
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये प्रतिमाह रंगदारी वसूलने का लक्ष्य देने का आरोप लगाया था।
इसी आरोप के आधार पर CBI (सीबीआई) ने परमबीर सिंह (Parambir Singh) के विरुद्ध मामला दर्ज किया था। इसके बाद इस मामले की मनी लॉड्रिंग के एंगल के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने छानबीन की थी और पिछले वर्ष नवंबर महीने में अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया था।
इस समय अनिल देशमुख न्यायिक हिरासत में हैं और उन्हें आर्थर रोड जेल (Arthur Road Jail) में रखा गया है।