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पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू विमान के लिए CCS की मंजूरी प्रक्रिया शुरू

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नई दिल्ली: भारत ने पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के डिजाइन और प्रोटोटाइप विकास के लिए कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की मंजूरी लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शुरू में कुल चार प्रोटोटाइप बनाए जाएंगे।

इसकी पहली उड़ान 2024 में होगी। वैसे तो यह लड़ाकू विमान बेहद खास विशेषताओं के कारण महंगे हैं लेकिन भारत का स्वदेशी एएमसीए विदेशी विमानों की तुलना में कम महंगा है।

राज्यसभा सदस्य शांता छेत्री के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने सोमवार को बताया कि एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के प्रोटोटाइप विकास के लिए कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) से अनुमोदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

दरअसल, भारत ने पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) की डिजाइन फाइनल कर ली है जिसे वायुसेना की भी मंजूरी मिल गई है।

विमान के कई हिस्से पहले ही बनाए जा चुके हैं। शुरू में कुल चार प्रोटोटाइप की योजना बनाई गई है। इसकी पहली उड़ान 2024 में होने की अवधि तय की गई है।

यानी दो साल बाद पांचवीं पीढ़ी का स्वदेशी लड़ाकू विमान भारतीय आसमान में उतरकर दुश्मनों के बीच नई हलचल पैदा करेगा।

भारत ने विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम करने के साथ ही ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को बढ़ावा देते हुए पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) का निर्माण खुद ही करने का फैसला लिया है।

स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस की डिजाइन भी एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने ही बनाई है।

इसलिए उसे ही पांचवीं पीढ़ी के फाइटर एयरक्राफ्ट की डिजाइन बनाने की जिम्मेदारी दी गई। एडीए के साथ मिलकर एयरक्राफ्ट रिसर्च एंड डिजाइन सेंटर (एआरडीसी) ने इस लड़ाकू विमान की डिजाइन तैयार की है, जबकि हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) इस डिजाइन के आधार पर विमान का निर्माण करेगा।

भारत ने एक ब्रिटिश कंपनी के साथ संयुक्त रूप से एक नया इंजन विकसित करने का करार किया है। योजना के मुताबिक यह सिंगल सीट और ट्विन-इंजन वाला हर मौसम में इस्तेमाल करने लायक बहुउद्देशीय फाइटर एयरक्राफ्ट होगा।

वायुसेना ने भी तमाम तरह के परीक्षण करने के बाद लड़ाकू एएमसीए की डिजाइन को हरी झंडी दे दी है। इसके बाद प्रोटोटाइप का निर्माण शुरू कर दिया गया है।

विमान के कई हिस्से पहले ही बनाए जा चुके हैं। शुरू में कुल चार प्रोटोटाइप की योजना बनाई गई है, जिसकी पहली उड़ान 2024 में होने की अवधि तय की गई है।

इसके बाद वायुसेना के कई परीक्षणों से गुजरने के बाद 2029 में उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।

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