रामगढ़: Jharkhand ( झारखंड) में भ्रष्टाचार चरम पर है। CM से लेकर मंत्री और विधायक तक भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं। कई नेताओं के घरों पर प्रवर्तन निदेशालय, CBI और आयकर विभाग (ED) की टीम छापेमारी (Raid) कर रही है।
लेकिन इन सबके बीच CM हेमंत सोरेन झारखंड में विकास की गंगा बहाने का दावा कर रहे हैं। शनिवार को भी रामगढ़ जिले के चितरपुर प्रखंड स्थित स्टेडियम में आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम में शामिल होने आए थे।
यहां उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार (Central Goverment) के पास झारखंड में राजनीति करने के लिए कोई मुद्दा नहीं मिला है।
लिहाजा यहां की सरकार को गिराने और डराने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि वे अभी तक अपने मंसूबे में सफल नहीं हुए हैं, क्योंकि यहां हर कोई इस बात को समझ गया है। ED, आयकर विभाग और CBI जैसी संस्थाओं से वे लोगों को डराने का प्रयास कर रहे हैं।
सबसे पिछड़े राज्य को दबाने का हो रहा प्रयास
CM हेमंत सोरेन ने कहा कि 20 वर्षों में झारखंड में कितनी सरकारें रही। उन्होंने योजनाएं (Policy) तो बनाई लेकिन उसका लाभ आम नागरिकों तक नहीं पहुंचा। जब से हमारी सरकार आई है तब से कोरोना जैसी महामारी (Pendamic) सामने आ गई।
इसके बाद प्राकृतिक आपदाओं की वजह से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा। Jharkhand पूरे देश में सबसे पिछड़ा राज्य है। ऐसे राज्य को भी सिर्फ इसलिए दबाया जा रहा है क्योंकि यहां विपक्ष की एक नहीं चल रही है।
हम जब केंद्र सरकार (Central Goverment) से अपना हक मांगते हैं तो वह हमारे पीछे ED , CID और IT के अधिकारियों को लगा देती है। हमें परेशान करने और दबाने के सारे हथकंडे सरकार अपना चुकी है।
लेकिन हम हार मानने वाले में से नहीं हैं। सरकार गठन के दूसरे दिन से ही यहां विपक्षियों के द्वारा सरकार गिराने की साजिश रची जा रही है। लेकिन हर बार उन्हें मुंह की खानी पड़ी है।
जैसा माहौल राज्य में है विपक्षियों को झंडा उठाने के लिए नहीं मिलेंगे कार्यकर्ता
CM ने कहा कि झारखंड की जनता ने बहुमत देकर हमारी सरकार बनाई है। आज सरकार जितनी योजनाएं (Policy) ला रही है उसका लाभ गांव वालों को दिलाने के लिए पूरी व्यवस्था गांव तक पहुंचा चुकी है।
अधिकारी भी गांव में जाकर ही लोगों की समस्या सुन रहे हैं और उसका ऑन द स्पॉट समाधान (On The Spot Solution) भी कर रहे हैं। जिस तरह का माहौल अभी इस राज्य में बना है कुछ समय बाद विपक्षियों को यहां झंडा उठाने के लिए कार्यकर्ता भी नहीं मिलेंगे।