नई दिल्ली: केरल में मंकीपॉक्स (Monkeypox) का एक संदिग्ध मामला सामने आने से केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हरकत में आ गया है।
इस संबंध में गुरुवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी लिख कर सतर्कता बढ़ाने को कहा है।
इस संक्रामक वायरस के प्रसार को बढ़ने से रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं।
इसके तहत सभी राज्यों को सर्विलांस टीम गठित करने के साथ गहन निगरानी के दिशा-निर्देश दिए हैं। संभावित मामले की सघन जांच और उन्हें पृथक कर इलाज करने की बात कही गई है।
मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति की 21 दिनों तक निगरानी में रहेगा
संशोधित दिशा-निर्देश के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण नजर आते हैं तो सबसे पहले लैब में टेस्टिंग होगी उसके बाद ही इस बात की पुष्टि की जाएगी कि वह व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित है। मंकीपॉक्स के लिए डीएनए टेस्टिंग और आरटीपीसीआर (DNA Testing and RTPCR) मान्य होंगे।
राज्य और जिलों में सामने आने वाले मामले के इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलेंस प्रोग्राम के तहत आईसीएमआर एनआईबी के पुणे स्थित शीर्ष लैब में जांच के लिए सैंपल भेजे जाएंगे। गाइडलाइंस में सतर्कता बरतने को कहा गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एक जनवरी से 22 जून तक विश्व में मंकीपॉक्स के 3,413 मामले सामने आए हैं। जिसमें से एक मरीज की मौत हुई है।
मंत्रालय ने गाइडलाइंस (Guidelines) जारी करते हुए कहा है कि मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति की 21 दिनों तक निगरानी में रहेगा।