Diabetic Patients : उच्च रक्तचाप और मधुमेह रोगियों (High Blood Pressure and Diabetes Patients) की पहचान करने के लिए केंद्र सरकार ने आगामी दो साल का रोडमैप तैयार किया है। इसके तहत 2025 तक 7.50 करोड़ रोगियों की पहचान करने के लिए गांव-गांव और जिला अस्पतालों में अभियान चलाया जाएगा।
इन रोगियों की नि:शुल्क जांच, उपचार और निगरानी (Free Investigation, Treatment & Monitoring) की जाएगी। इसके लिए सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात 40 हजार चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिलाएगी।
40 हजार चिकित्सा अधिकारियों को मिलेगा प्रशिक्षण
बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर गैर संचारी रोगों को लेकर संशोधित दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं ताकि राज्य सरकारों को मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में आसानी हो सके।
कार्यक्रम में मौजूद नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि भारत में हर साल 63 फीसदी मौतें गैर संचारी रोगों की वजह से हो रही हैं। देश में इन मरीजों की संख्या करोड़ों में है। ऐसे में यह जरूरी है कि इन रोगियों की पहचान, जांच, इलाज और उनमें जागरूकता लाने का संयुक्त प्रयास किया जाए।
रोगियों को गुणवत्ता युक्त उपचार देने का लक्ष्य
डॉ. वीके पॉल ने कहा कि 2025 तक High Blood Pressure और Diabetic Patients को गुणवत्ता युक्त उपचार देने का लक्ष्य रखा है क्योंकि इन्हीं रोगियों में आगे चलकर हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारी होने का खतरा रहता है।
Dr. Paul ने कहा कि गैर संचारी रोगों के खिलाफ लड़ाई प्राथमिक स्वास्थ्य स्तर के माध्यम से लड़ी जानी चाहिए। देश में अभी 1.50 लाख से ज्यादा Health and Wellness Center स्थापित हुए हैं।
उच्च रक्तचाप की रोकथाम और प्रबंधन में तेजी लाने के लिए उन्होंने राज्यों से अपील की है कि वह दिशा निर्देशों का पालन करते हुए जमीनी स्तर पर रोगियों की निगरानी जरूर करें।
भारत का लक्ष्य पूरी दुनिया में सबसे बड़ा : डब्ल्यूएचओ
कार्यक्रम में WHO के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस (Dr. Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा, 2025 तक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के जरिये उच्च रक्तचाप और मधुमेह ग्रस्त 7.5 करोड़ रोगियों तक पहुंचने का भारत का लक्ष्य पूरी दुनिया में सबसे बड़ा है।