रांची: राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) ने कहा कि असहाय, गरीबों और वंचितों के लिए किए जाने वाला कार्य ही सच्ची समाजसेवा है।
समाज की सेवा करने वाले को ही भावी पीढ़ी भी याद रखती है। उन्होंने कहा कि समाजसेवा (Social service) का अवसर व्यक्ति को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में मिलता है।
राज्यपाल रविवार को मारवाड़ी भवन में आयोजित झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन (Jharkhand Provincial Marwari Conference) के अष्टम अधिवेशन के उद्घाटन पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक अच्छा इंसान बनने के लिए बच्चों को सुसंस्कृत होना जरूरी है। यदि बच्चे सुसंस्कृत नहीं हैं, तो यह हमारी कमी है।
हम तभी मजबूत होंगे जब समाज मजबूत होगा, संगठित होगा। हम दीवारों पर महापुरुषों का फोटो इसलिए लगाते हैं कि उसमें हमें उनका आदर्श दिखता है और समाजसेवा की प्रेरणा मिलती है।
फिजूलखर्ची एवं प्रतिस्पर्धा स्वस्थ समाज के लिए उचित नहीं है
उन्होंने कहा कि समाजसेवा के लिए दिल बड़ा होना चाहिए न कि शरीर। यदि कोई गरीब अपनी एक रोटी में से आधी रोटी भूखे व्यक्ति को देता है तो इसका बहुत महत्व है।
राज्यपाल ने कहा कि शादी-विवाह एवं अन्य अवसरों पर की जाने वाली फिजूलखर्ची एवं प्रतिस्पर्धा स्वस्थ समाज के लिए उचित नहीं है। उन्होंने रांची में जरूरतमंद व्यक्तियों के भोजन के लिए मारवाड़ी समाज (Marwari Samaj) के द्वारा चलायी जा रही।
अन्नपूर्णा सेवा के स्वयंसेवियों प्रमोद अग्रवाल, पुरुषोत्तम विजयवर्गीय, मनोज रुईया एवं द्वारका प्रसाद अग्रवाल को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।
सम्मेलन में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, (Chief Minister Raghubar Das,) पूर्व राज्य सभा सांसद महेश पोद्दार, गोवर्धन प्रसाद गडोदिया एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।