नयी दिल्ली: को-लोकेशन घोटाले की आरोपी पूर्व एनएएसई प्रमुख चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramakrishna) ने अपनी जमानत के लिये अब दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सीबीआई की विशेष अदालत ने गत 12 मई को चित्रा रामकृष्ण की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसी के बाद चित्रा ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
हालांकि जस्टिस तलवंत सिंह ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने से खुद को अलग कर लिया है।सीबीआई ने इस मामले में सह आरोपी आनंद सुब्रमणियम को फरवरी में और चित्रा रामकृष्ण को मार्च में गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपी अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं।
आरोपी अभी तिहाड़ जेल में बंद
इन दोनों के खिलाफ सीबीआई ने अप्रैल में आरोपपत्र दायर किया। सीबीआई(CBI) वर्ष 2018 से ही इस मामले की जांच कर रही है।चित्रा एक अप्रैल 2013 को एनएसई की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक नियुक्त की गई थीं।
चित्रा ही आनंद और आनंद की पत्नी सुनीता आनंद को एनएसई में लेकर आई थीं और उन्होंने दोनों के वेतन में बेतहाशा बढ़ोतरी की थी।एनएसई की गोपनीय जानकारियां साझा करने के आरोप में सेबी ने चित्रा पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
सेबी(SEBI) के मुताबिक, चित्रा जिस योगी के साथ गोपनीय जानकारियां साझा करने का दावा कर रही हैं, वह आनंद नहीं है।सेबी का मानना है कि आनंद खुद ही एनएसई में शीर्ष पद पर था और इसी कारण गोपनीय जानकारियां उसकी भी पहुंच में थीं तो फिर चित्रा उससे क्यों जानकारियां साझा करतीं।