नई दिल्ली: Bombay High Court के कई कर्मचारियों को रिटायरमेंट (Retirement) के 7 साल बाद भी पेंशन (Pension) का लाभ नहीं मिला। एक कर्मचारी ने तो सुसाइड तक कर लिया।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया DY चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) को जब मामले का पता चला तो वह भी दंग रहे गए। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूरे मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्यवाही शुरू कर दी है।
CJI चंद्रचूड़ को लिखी थी चिट्ठी
बॉम्बे हाईकोर्ट रजिस्ट्री (Bombay High Court Registry) के कर्मियों ने CJI चंद्रचूड़ को एक चिट्ठी लिखकर अपना दर्द बयां किया था। इस चिट्ठी में लिखा था कि सेवानिवृत्ति (Retirement) के 7 साल हो गए लेकिन अभी तक उन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिल पाया।
CJI को लिखी चिट्ठी में यह भी बताया गया था कि हाईकोर्ट (High Court) के एक पूर्व कर्मचारी ने पेंशन ना मिलने की वजह से तनाव में आकर सुसाइड तक कर लिया।
खत पढ़कर जस्टिस चंद्रचूड़ भी दंग रह गए। CJI चंद्रचूड़, जस्टिस PS नरसिम्हा (PS Narasimha) और जस्टिस JB पारदीवाला की बेंच ने कहा कि इस मामले में फौरन कार्रवाई की आवश्यकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने माले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्यवाही (Proceeding) शुरू की और कहा कि कोर्ट जो बताया गया है वह बहुत हैरान करने वाला है और हमारा मानना है कि इस मसले में बॉम्बे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के सहयोग से Maharashtra and Goa सरकार को फौरन कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
बॉम्बे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले में एडवोकेट महफूज ए नाजकी (Mahfooz A Nazki) को अमीकस क्यूरी (Amicus Curiae) भी नियुक्त किया है।
मामले की सुनवाई के दौरान ही जस्टिस चंद्रचूड़ ने एडवोकेट नाजकी (Advocate Najki) से कहा, ‘देखिए कि क्या आप उनसे फोन पर बात कर सकते हैं…हाईकोर्ट के कर्मचारी बहुत हम्बल हैं’। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस भी जारी किया है।