पटना: बिहार में भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) की कोशिश को उनके अधिकारी पलीता लगा रहे हैं।
ताजा मामला सीतामढ़ी में लखनदेई नदी (Lakhandei River Sitamarhi) पर बने तटबंध से जुड़ा है। सीतामढ़ी जिले में दशकों से निर्जीव पड़ी लखनदेई नदी की उड़ाही का कार्य को देखने खुद नीतीश कुमार पहुंच थे।
वे काफी देर तक रुककर वहां सूखी पड़ी नदी को निहारते रहे लेकिन जैसे ही उनका हेलीकॉप्टर हवा में उड़ा, वैसे ही लखनदेई नदी के तटबंध पर बनाया गया बांध टूट गया। देखते-ही-देखते पानी पूरे गांव में भर गया।
सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड स्थित खाप-खोपराहा में CM नीतीश कुमार लखनदेई नदी की उड़ाही का निरीक्षण करने पहुंचे थे। सीएम ने नए निर्माणाधीन बांध का निरीक्षण किया।
उन्होंने अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश भी दिए। इसके बाद उन्होंने प्रस्थान किया। हेलीपैड से नीतीश के हेलीकॉप्टर ने जैसे ही उड़ान भरा वैसे ही बांध का भी सब्र टूट गया।
गांव के भीतर पानी तेज गति से भरने लगा। पानी का बहाव इतना तेज था कि खेतों से होते हुए नदी का पानी गांव की तरफ बहने लगा। इसे देखकर ग्रामीण घबरा गए और इधर-उधर भागने लगे।
क्या थी टूटने की वजह
सीएम नीतीश के आगमन पर बांध का निर्माण जल्दबाजी में किया जा रहा था। कमजोर बांध भी जैसे सीएम के निरीक्षण का इंतजार कर रहा था। जैसे ही नीतीश कुमार निरीक्षण कर हेलीकॉप्टर से आसमान में उड़े वैसे ही बांध का भी सब्र टूट गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर पानी इसी तरह देर रात तक बहता रहा तो पानी गांव में प्रवेश कर जाएगा। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अभी नदी की ये स्थिति है तो बारिश के समय क्या होगा।
संभावित बाढ़ से इलाके के करीब 25 हजार की आबादी प्रभावित हो सकती है। लोगों का कहना है कि सरकार को पहले बांध की मजबूती से निर्माण करा देती फिर नदी की उड़ाही कराती।