Confirming Breast Cancer : ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों (Breast Cancer Patients) के दूध में ट्यूमर डीएनए (Tumor DNA in Milk) होता है, और यह दुनियाभर में महिलाओं को प्रभावित करने वाले सबसे आम प्रकार के कैंसर का जल्द पता लगाने में मदद कर सकता है।
ट्यूमर DNA ब्रेस्ट मिल्क में लिक्विड बायोप्सी (Liquid Biopsy) से पता लगाया जा सकता है, पारंपरिक इमेजिंग का उपयोग कर स्तन कैंसर का निदान करने से पहले भी।
स्तन कैंसर, ब्रेस्ट मिल्क से नहीं फैलता
एक महिला को अपनी तीसरी बेटी के साथ गर्भवती होने के दौरान स्तन कैंसर का पता चला और उसके दूध से उसकी दूसरी बेटी में ट्यूमर के फैलने के संभावित खतरे के बारे में चिंता व्यक्त की गई।
विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी (Institute of Oncology) में स्तन कैंसर समूह की प्रमुख डॉ. क्रिस्टीना सौरा ने कहा कि रोगी हमारे लिए ब्रेस्ट मिल्क का सैंपल लेकर आई जिसे उसने अपने फ्रीजर में संग्रहीत किया था।
वास्तव में, जब मरीज के ब्रेस्ट मिल्क का विश्लेषण किया, तो उसी Mutation के साथ DNA मिला जो उसके ट्यूमर में मौजूद था।
मरीज के कैंसर के निदान से एक साल से अधिक समय पहले स्तन का दूध (Breast Milk) जमा कर दिया गया था।
शोध में हुई इसकी पुष्टि
इसके बाद गर्भावस्था या प्रसव (Pregnancy or Childbirth) के बाद निदान किए गए 15 स्तन कैंसर रोगियों के साथ-साथ स्तनपान कराने वाली स्वस्थ महिलाओं से ब्रेस्ट मिल्क और ब्लड के सैंपल एकत्र किए।
दो तकनीकों, नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग और ड्रॉपलेट डिजिटल पीसीआर (DDPCR) का उपयोग किया गया। जिसमे पाया गया कि ब्रेस्ट मिल्क में ट्यूमर की उत्पत्ति का मुक्त परिसंचारी DNA था।
विश्लेषण किए गए 15 रोगियों में से 13 के ब्रेस्ट मिल्क के सैंपल में उन म्यूटेशन (Mutations) का पता लगाने में सक्षम थे जो स्तन कैंसर के रोगियों के ट्यूमर में मौजूद थे। जबकि एक ही समय में एकत्र किए गए रक्त के नमूनों में से केवल एक में ctDNA पाया गया।