HomeUncategorizedकांग्रेस ने TRS के साथ चुनावी गठबंधन से इनकार किया

कांग्रेस ने TRS के साथ चुनावी गठबंधन से इनकार किया

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

हैदराबाद : कांग्रेस ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि वह तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के साथ गठबंधन नहीं करेगी।

पार्टी सांसद और तेलंगाना में पार्टी मामलों के प्रभारी मनिकम टैगोर ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ टीआरएस के साथ चुनावी गठबंधन की अफवाहों को खारिज कर दिया।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, टीआरएस के साथ कांग्रेस के गठबंधन की अफवाहें पूरी तरह से झूठी हैं। कांग्रेस तेलंगाना को टीआरएस और भाजपा से बचाने की अपनी प्रतिबद्धता से एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी। अफवाह फैलाने वाले यह स्पष्ट तौर पर समझ लें।

टैगोर ने पार्टी कार्यकर्ताओं से 6 मई को वारंगल में होने वाली रैली की तैयारी करने को भी कहा। इस रैली को पार्टी नेता राहुल गांधी संबोधित करेंगे।

टैगोर ने शनिवार को घोषणा की कि राहुल गांधी 6-7 मई को तेलंगाना का दौरा करेंगे और 7 मई को हैदराबाद में पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे।

दो दिन पहले खत्म हुए डिजिटल सदस्यता

टैगोर ने ट्वीट किया कि 40 लाख सदस्यता नामांकन हासिल करने के बाद वे अपने नेता का स्वागत करेंगे।

दो दिन पहले खत्म हुए डिजिटल सदस्यता नामांकन अभियान के दौरान राज्य कांग्रेस ने 40 लाख सदस्यों का नामांकन किया है।

राहुल ने इस महीने की शुरुआत में राज्य के पार्टी नेताओं से यह भी कहा था कि के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली टीआरएस के साथ कोई संबंध नहीं रहेगा।

राज्य कांग्रेस प्रमुख ए. रेवंत रेड्डी ने राहुल से मुलाकात के बाद कहा था कि उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस टीआरएस के साथ गठबंधन नहीं करेगी।

2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से राहुल गांधी की यह पहली तेलंगाना यात्रा होगी। इसे राज्य में पार्टी को पुनर्जीवित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस को कई झटके लगे। इसने 2018 में 119 सदस्यीय विधानसभा में केवल 19 सीटें जीतीं, जबकि टीआरएस ने भारी बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखी।

चुनाव के कुछ महीने बाद कांग्रेस के कम से कम एक दर्जन विधायक टीआरएस में शामिल हो गए।

पार्टी के सिर्फ छह विधायक रह जाने के कारण कांग्रेस ने विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल का दर्जा भी खो दिया। इसे कुछ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में भी अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा।

उपचुनाव जीतने के बाद भाजपा खुद को टीआरएस के व्यवहार्य विकल्प के रूप में पेश कर रही है।

spot_img

Latest articles

राहुल गांधी का यूरोप दौरा, लंदन के रास्ते जर्मनी रवाना, बर्लिन में करेंगे अहम मुलाकातें

Rahul Gandhi's Europe Tour : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi)...

21 हजार सिम से साइबर ठगी का जाल, CBI की बड़ी कार्रवाई

Big Action by CBI : देश में साइबर ठगी के एक बड़े नेटवर्क का...

रांची में क्रिसमस की रौनक, सजी सड़कों और बाजारों में दिखा उत्साह

Ranchi Celebrates Christmas with its Festive Spirit: ईसाई समुदाय का प्रमुख पर्व क्रिसमस 25...

आजसू पार्टी में महिलाओं की मजबूत भागीदारी, रांची में हुआ मिलन समारोह

Strong Participation of Women in AJSU Party: आजसू पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में मिलन...

खबरें और भी हैं...

21 हजार सिम से साइबर ठगी का जाल, CBI की बड़ी कार्रवाई

Big Action by CBI : देश में साइबर ठगी के एक बड़े नेटवर्क का...

रांची में क्रिसमस की रौनक, सजी सड़कों और बाजारों में दिखा उत्साह

Ranchi Celebrates Christmas with its Festive Spirit: ईसाई समुदाय का प्रमुख पर्व क्रिसमस 25...