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कर्नाटक में अब 2024 चुनावों की तैयारी में जुट गई कांग्रेस सरकार, गारंटी योजना…

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बेंगलुरु : कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections) में कांग्रेस को मिली बंपर जीत उसके हौसले बुलंद कर रही है।

अभी चंद दिन हुए हैं सरकार के बने, पांचो गारंटी योजनाएं लागू करने के बाद सिद्धारमैया सरकार (Siddaramaiah Government) ने 2024 में होने वाले आम लोकसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है।

कांग्रेस आलाकमान राज्य की जनता को एक के बाद एक सकारात्मक संदेश देने में सफल हो रहा है। पार्टी के पुराने दिग्गज कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार (D.K. shivkumar) के बीच मतभेद दूर करने में कामयाब रहे हैं।

शिवकुमार और सिद्दारमैया कैबिनेट (Shivakumar and Siddaramaiah cabinet) के गठन के बाद से एकजुट और केंद्रित दिख रहे हैं। कांग्रेस ने दलितों, OBC और अल्पसंख्यकों को महत्वपूर्ण कैबिनेट पद आवंटित किए हैं और प्रमुख जातियों को उचित प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित किया है।

जुलाई से 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी

राज्य के इतिहास में पहली बार किसी मुस्लिम विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव करके और दो कैबिनेट विभागों (Cabinet Portfolios) को आवंटित करके पार्टी ने यह सुनिश्चित किया है कि मुस्लिम वोट बैंक बरकरार रहे।

गारंटी योजनाओं के कार्यान्वयन की तारीखों की घोषणा की राज्य की जनता ने सराहना की है, चाहे वे किसी भी पार्टी या विचारधारा से ताल्लुक रखते हों। उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने इसे ऐतिहासिक बताया है और कहा कि देश में पहली बार एक दिन में पांच बड़ी गारंटी लागू की गई।

मुख्यमंत्री सिद्दारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) ने घोषणा कर दी है कि सभी पांच गारंटी इस वित्तीय वर्ष में लागू कर दी जाएंगी। मुफ्त बस यात्रा की योजना 11 जून से लागू हो जाएगी।

जुलाई से 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी। परिवार की महिला मुखिया को अगस्त से दो हजार रुपये और BPL Card के सभी सदस्यों को एक जुलाई से 10 किलो चावल मुफ्त दिया जाएगा।

शिवकुमार ने कहा…

कर्नाटक कांग्रेस सरकार द्वारा पांच गारंटियों को लागू करने की तारीख की घोषणा के बाद शिवकुमार ने चुनौती दी कि अब अपने वादों को निभाने की बारी केंद्र सरकार की है।

जल्द ही केंद्र सरकार को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के रूप में अग्निपरीक्षा का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा, परीक्षा पास करने के लिए उन्हें अपने वादे पूरे करने होंगे।

गारंटी योजनाओं पर विपक्षी दलों, विशेषकर भाजपा द्वारा आलोचना, पर टिप्पणी करते हुए शिवकुमार (Shivkumar) ने कहा किया कि आलोचना की बजाय प्रधानमंत्री को विदेशों से काला धन लाने और वादे के अनुसार व्यक्तिगत बैंक खातों में 15 लाख रुपये जमा करवाने चाहिए।

बोम्मई के हमलों पर लोग ध्यान नहीं दे रहे

शिवकुमार ने कहा कि उन्हें (भाजपा को) 2 करोड़ रोजगार सृजित करना चाहिए और किसानों की आय दोगुनी करनी चाहिए जिसका उन्होंने वादा किया था।

दूसरी तरफ, भाजपा अब तक नेता प्रतिपक्ष का चुनाव नहीं कर सकी है और राज्य इकाई पार्टी कार्यकर्ताओं में दोबारा उत्साह का संचार करने में विफल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के लिए विपक्ष के नेता के चयन के संबंध में बार-बार पूछे गए सवालों का जवाब देना मुश्किल हो रहा है।

गारंटी योजनाओं की घोषणा के बाद उन्हें तमाशा बताते हुए कांग्रेस पार्टी पर पूर्व मुख्यमंत्री बोम्मई के हमलों पर लोग ध्यान नहीं दे रहे हैं। भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य में 28 में से 25 सीटों पर जीत हासिल की थी, जब पूर्व सीएम बी.एस. येदियुरप्पा (CM B.S. Yeddyurappa) शीर्ष पर थे और पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने उस हार का बदला ले लिया

बालाकोट की घटना और 2019 में पाकिस्तान के खिलाफ केंद्र सरकार की जवाबी कार्रवाई के बाद कांग्रेस ने मोदी लहर में केवल एक सीट जीती थी। AICC अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (AICC President Mallikarjun Kharge) भी अपने घरेलू मैदान पर भाजपा उम्मीदवार उमेश जाधव के खिलाफ चुनाव हार गए थे।

अब चूंकि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में PM मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (PM Modi and Union Home Minister Amit Shah) के संयुक्त प्रयास विफल हो गए हैं, इसलिए कांग्रेस स्पष्ट रूप से 20 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने उस हार का बदला ले लिया है। खुद को कर्नाटक का भूमिपुत्र बताने की उनकी बात लोगों के दिल में उतर गई और PM मोदी तथा अमित शाह के प्रचार अभियान को विफल कर दिया।

वोक्कालिगा समुदाय अब उपमुख्यमंत्री शिवकुमार के पीछे लामबंद हो गया

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने पुष्टि की कि लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दलित और मुस्लिम वोट बैंक को बरकरार रखते हुए कांग्रेस को भरोसा है कि वह लिंगायत वोट बैंक (Lingayat vote bank) को वापस पाने के लिए भाजपा को कोई विकल्प नहीं देगी। वोक्कालिगा समुदाय अब उपमुख्यमंत्री शिवकुमार के पीछे लामबंद हो गया है।

पार्टी आईटी शहर बेंगलुरु के नगर निकाय चुनावों के लिए ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिके (BBMP) के लिए चुनाव कराने की भी रणनीति बना रही है।

जहां कांग्रेस हिंदुत्व के खिलाफ सावधान लेकिन आक्रामक रुख अपना रही है, वहीं आंतरिक कलह से बंटा भाजपा का खेमा सुस्त और कमजोर दिख रहा है।

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