नई दिल्ली: बढ़ती आर्थिक असमानता के चलते कांग्रेस पार्टी और देश दोनों को प्रगति के पथ पर लाने के लिए तीन दिवासीय चिन्तन शिविर में आत्मचिंतन, आत्ममंथन, आत्मावलोकन करेगी।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को प्रेस वार्ता कर कहा, उदयपुर से उदित होगा देश की उम्मीदों का सूर्य।
उन्होंने कहा आज जब देश प्रजातांत्रिक, आर्थिक और सामाजिक संकट के दौर से गुजर रहा है, तब कांग्रेस एक बार फिर देश को प्रगति, समृद्धि और उन्नति के पथ पर लाने के लिए एक नव संकल्प का ²ढ़ संकल्प लेगी।
देश में बेरोजगारी की दर 8 फीसदी से अधिक है
देश में बढ़ती आर्थिक असमानता के चलते 142 सबसे बड़े अमीरों की सम्पति तो एक साल में 30 लाख करोड़ रुपए बढ़ गई, लेकिन देश के 84 फीसदी घरों की आय घट गई। 15 लाख हर खाते में आना तो दूर, बचत का पैसा भी लुट गया।
उन्होंने कहा कि गिरती अर्थव्यवस्था के चलते 1 अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिर कर 77.56 हो गई, जो 75 साल में अबतक की सबसे बड़ी गिरावट है।
दूसरी ओर देश का कर्ज साल 2014 में 55 लाख करोड़ रुपए से बढ़ कर साल 2022 में 135 लाख करोड़ हो गया। साफ है की केंद्र सरकार हर रोज 4,000 करोड़ रुपए का कर्ज ले रही है।
देश के हर नागरिक पर 1 लाख का कर्ज है। महंगाई ने आम जनजीवन का हाल बेहाल कर दिया है। साल 2014 में 410 रुपए में मिलने वाला रसोई गैस सिलेंडर अब एक हजार का हो गया है।
पेट्रोल 71 रुपए लीटर था जो आज 105.41 रुपए लीटर हो गया है। डीजल 95.87 रुपए लीटर हो गया। अकेले पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगा कर केंद्र सरकार ने आम जनता से 27 लाख करोड़ रुपए वसूले। यही हाल आटा, दाल, खाने का तेल, सब्जी, साबुन, टूथपेस्ट, फ्रिज और रोज जरूरत की हर वस्तु का है।
उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी की दर 8 फीसदी से अधिक है। भारत सरकार, सरकारी उपक्रमों व प्रांतीय सरकारों में मिलाकर 30 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं।
अरुणाचल की सीमा पर अतिक्रमण कर चीन आए दिन नये ठिकाने बना रहा है
सेनाओं में 2,55,000 पद खाली हैं। निजी क्षेत्र में लघु और छोटे उद्योग तालाबंदी की कगार पर हैं। 2 करोड़ रोजगार हर साल देना तो दूर, करोड़ों रोजगार चले गए हैं।
किसान व खेती को प्राइवेट कंपनियों को सौंपने की कवायद जारी है। पहली बार खेती पर जीएसटी लगाया गया। मनरेगा का बजट काट दिया गया है। किसान की आय साल 2022 तक दुगना होना तो दूर, उपज की कीमत भी नहीं मिल रही।
सुरजेवाला ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि दलित व आदिवासी सब प्लान खत्म कर दिया गया है। उनके आरक्षण व दलित पक्षधर कानूनों पर हमला बोला जा रहा है।
यहां तक कि दलित कल्याण को टारगेटेड केंद्रीय योजनाएं कुल बजट का मात्र 4.4 प्रतिशत रह गई हैं। अब तो केंद्र सरकार पिछड़े वर्गों की संख्या का सेन्सस तक जारी करने से इनकार कर रही है।
देश की भूभागीय अखंडता पर हमला बोला गया है। चीन ने दुस्साहस कर लद्दाख में भारत की सरजमीं पर कब्जा कर रखा है।
अरुणाचल की सीमा पर अतिक्रमण कर चीन आए दिन नये ठिकाने बना रहा है। डोकलाम में चीन द्वारा किए नए सड़क निर्माण, तोपखाने व सैनिक ठिकानों का निर्माण हमारी अखंडता को सीधी चुनौती है। पर मोदी सरकार चीन को हमारी सरजमीं से वापस खदेड़ने में असक्षम साबित हुई है।
सरकार केवल चीनी ऐप बैन कर वाहवाही लूट रही है जबकि चीन से वस्तुओं का आयात बढ़कर 97 बिलियन डॉलर हो गया है।
उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि देश व समाज की इन समस्याओं पर पर्दा डालने के लिए सरकार ने चौतरफा धर्मांधता-रूढ़िवादिता का अंधकार फैला अल्पसंख्यक वर्गों, खास तौर से मुस्लिम, ईसाइयों व सिखों को निशाना बना रखा है।
समाज में हिंदू-मुस्लिम विभाजन के बीज बो कर व तुष्टिकरण की इस राजनीति को आधार बना कर भाजपा चुनावी जीत तलाशती है।
उन्होंने कहा कि देश की अपेक्षाओं के अनुरूप उसे अपनी संगठनात्मक क्षमता, दक्षता, कार्यकुशलता और कार्यशैली का न सिर्फ़ मूल्यांकन करना होगा बल्कि वर्तमान चुनौतियों व परिस्थितियों के अनुरूप ढालना भी होगा। इसी के ²ष्टिगत कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान प्रांत के उदयपुर में चिंतन शिविर का आयोजन किया है।
सुरजेवाला के मुताबिक चिंतन शिविर में जिन 430 चिंतकों को आमंत्रित किया गया है, वे सब अलग अलग समूहों में इस प्राथमिक अध्ययन पर लगातार अलग अलग सत्रों और समूहों में लगातार तीन दिन चिंतन मंथन करेंगे तथा इस व्यापक चिंतन मंथन का जो निष्कर्ष निकलेगा उसे कांग्रेस अध्यक्ष के सम्मुख रख और फिर उसे कांग्रेस वकिर्ंग कमेटी में रखकर अंतिम रूप प्रदान किया जाएगा।
जो भी निष्कर्ष निकलेगा वो कांग्रेस को न सिर्फ वर्तमान चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से उबार एक नई दिशा देगा अपितु भारत के गौरवशाली भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त करेगा ।