HomeUncategorizedभारत में XE Variant के पहले मरीज की हुई पुष्टि, जानें XE...

भारत में XE Variant के पहले मरीज की हुई पुष्टि, जानें XE वैरिएंट के लक्षण

spot_img

नई दिल्ली: भारत में Corona के Omicron Sub-Variants XE के पहले केस की एंट्री हो गई गई है। ये पहली बार है जब देश के SARS-CoV2 जीनोमिक्स सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (INSACOG) द्वारा XE वेरिएंट की पुष्टि की गई है।

भारत में जीनोम सिक्वेंसिंग को मॉनिटर करने वाली संस्था INSACOG के वीकली बुलेटिन में इसकी पुष्टि हुई है। इस बुलेटिन में दावा किया गया है कि भारत में कोरोना का XE वैरिएंट आ चुका है।

XE ओमिक्रॉन के सब-लीनेज वैरिएंट से लगभग 10 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है। इसका पहला केस इसी साल 19 जनवरी को ब्रिटेन में मिला था।

XE वैरिएंट के लक्षण

WHO का कहना है कि XE के म्यूटेशन को ओमिक्रॉन वैरिएंट का हिस्सा मानकर ही ट्रैक किया जा रहा है। एक नया सब वैरिएंट होने की वजह से स्थिति बदल सकती है। लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं माना जा रहा कि XE में कोई नया लक्षण देखा जाएगा।

इसमें बुखार, गले में खराश, खांसी, जुकाम, नाक बहना, बदन दर्द, त्वचा में जलन या डिसकलरेशन और गैस्ट्रोइंटसटाइनल से जुड़ी समस्या जैसे कि पेट दर्द या डायरिया जैसे लक्षण हो सकते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं…

विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि एक्सई सब-वेरिएंट से होने वाला कोविड संक्रमण अन्य वेरिएंट की तुलना में अलग है। नया सब-वेरिएंट ओमिक्रॉन के वर्तमान में प्रमुख BA.2 वेरिएंट की तुलना में केवल 10 प्रतिशत अधिक ट्रांसमिसिबल पाया गया है। बता दें कि भारत में जनवरी में तीसरी कोविड लहर को ट्रिगर करने के लिए ओमिक्रॉन का BA.2 वेरिएंट जिम्मेदार था।

एक सरकारी अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “देश में अब तक मुट्ठी भर से कम रिकॉम्बिनेंट वेरिएंट का पता चला है। ये सभी भौगोलिक रूप से अलग-अलग क्षेत्रों से हैं। कोई क्लस्टर फॉर्मेशन नहीं देखा गया है।” खबर में कहा गया है कि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि एक्सई सैंपल कहां से लिया गया था। लेकिन अधिकारी ने कहा कि दो राज्यों से पहले रिपोर्ट किए गए दो अपुष्ट मामलों में से, महाराष्ट्र का सैंपल सब-वैरिएंट का नहीं था।

INSACOG के साप्ताहिक बुलेटिन में XE की पुष्टि ऐसे समय में हुई है जब 12 राज्यों में कोविड के मामलों में वृद्धि देखने को मिली है, जिससे मास्क फिर से अनिवार्य हो गया है। इस बीच, 25 अप्रैल तक के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 19 अन्य राज्यों में मामलों में गिरावट भी आई है।

इससे पहले भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स संघ (इनसाकॉग) ने जीनोम अनुक्रमण के विश्लेषण के आधार पर कहा था कि देश में कोरोना वायरस के बहुत कम रिकॉम्बिनेंट (पुन: संयोजित) स्वरूप पाये गये हैं और इनमें से किसी में ना तो स्थानीय या अन्य स्तर पर संक्रमण में वृद्धि देखी गयी और ना ही इनसे गंभीर संक्रमण या अस्पताल में भर्ती होने का खतरा है।

XE से चौथी लहर आने का खतरा

ओमिक्रॉन के XE वैरिएंट के म्यूटेशन में बदलाव हुआ है। यही कारण है कि इम्यूनिटी से बच निकलने में इसकी क्षमता और संक्रामकता पहले से ज्यादा बढ़ी है। इसलिए COVID-19 की चपेट में आए लोगों में यह री-इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ा सकता है।

XE BA.1 और BA.2 का री-कॉम्बिनेंट है और यह 10 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है, इसलिए अगर XE वैरिएंट से नई लहर आती है तो मामले ज्यादा तेजी से बढ़ सकता है।

spot_img

Latest articles

सहारा की ज्यादातर संपत्तियां अडानी के हवाले? सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी का इंतजार

New Delhi News: सहारा समूह का लंबे समय से अटका वित्तीय विवाद अब एक...

अगस्त 2025 में भारत के स्मार्टफोन निर्यात में 39% की उछाल

Smartphone exports jump 39%: भारत के स्मार्टफोन निर्यात ने अगस्त 2025 में शानदार प्रदर्शन...

गाजा में इजरायली हमलों में 17 फलस्तीनियों की मौत

Israeli attacks in Gaza: गाजा पट्टी में गुरुवार को इजरायली हमलों में कम से...

खबरें और भी हैं...

सहारा की ज्यादातर संपत्तियां अडानी के हवाले? सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी का इंतजार

New Delhi News: सहारा समूह का लंबे समय से अटका वित्तीय विवाद अब एक...

अगस्त 2025 में भारत के स्मार्टफोन निर्यात में 39% की उछाल

Smartphone exports jump 39%: भारत के स्मार्टफोन निर्यात ने अगस्त 2025 में शानदार प्रदर्शन...