पटना: इन दिनों सुर्खियों में छाए YouTuber मनीष कश्यप (Manish Kashyap) का पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद एक Video सामने आया है। बिहार पुलिस (Bihar Police) के समक्ष सरेंडर करने के बाद मनीष कश्यप पुलिस की गिरफ्त में सिसकता हुआ नज़र आया।
इतना ही नहीं जब वो पुलिस की गाड़ी में बैठा था तो रोने लगा। इस दौरान उसके साथी ये कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि हिम्मत मत हारना, हम सब मिलकर लड़ेंगे। मनीष कश्यप किस तरह से रोने का वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।
22 मार्च तक के लिए भेजा गया न्यायिक हिरासत में
गौरतलब है कि Manish Kashyap को पश्चिम चंपारण से गिरफ्तार करने के बाद शनिवार को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) पटना लेकर आ गई थी।
यहां उससे गहन पूछताछ की गई। इसके बाद रविवार को Court में पेश किया गया, यहां से मनीष को 22 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया गया है।
तमिलनाडु पुलिस भी जल्द कर सकती है पूछताछ
इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि जल्द तमिलनाडु पुलिस भी उसको Transit Remand पर लेकर पूछताछ करेगी।
बताते चलें तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की पिटाई के फर्जी Video YouTube समेत Social Media पर फैलाने के आरोप में मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी तिवारी के खिलाफ केस दर्ज हैं।
बिहार में 14 और तमिलनाडु में 13 मामले दर्ज
गृह राज्य बिहार में यूट्यूबर पर 14 और तमिलनाडु में 13 मामले दर्ज हैं। EOU के बार-बार प्रयास करने के बावजूद मनीष कश्यप पेश नहीं हो रहा था। इसके बाद आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ। पुलिस और ईओयू की टीमों ने लगातार आरोपी के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन फिर भी वह हाजिर नहीं हुआ।
इस पर बीते शनिवार को Court के आदेश पर बेतिया स्थित महना डुमरी गांव में पुलिस प्रशासन की मौजूदगी आरोपी Manish Kashyap के घर को कुर्क करने की कार्रवाई की गई। इसके बाद जिले के जगदीशपुर थाने में आरोपी ने सरेंडर कर दिया।
मैनेजर से रंगदारी मांगने का भी लग चुका है आरोप
यह कुर्की रंगदारी और शासकीय कार्य (Official Work) में बाधा मामले में की गई। दरअसल, साल 2021 में 31 मार्च को मनीष कश्यप ने SBI की पारस पकड़ी ब्रांच के मैनेजर से रंगदारी मांगी थी। पुलिस की मानें तो आरोपी के खिलाफ बेतिया में ही 7 मामले दर्ज हैं।
पटना दिल्ली समेत कई ठिकानों पर छापेमारी
बता दें कि बिहार (Bihar) की आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offenses Unit) ने गुरुवार को उसके खिलाफ अदालत से गिरफ्तारी का वारंट लिया था। इसके बाद से लगातार यूट्यूबर के पटना (Patna), दिल्ली समेत अन्य ठिकानों पर छापेमारी चल रही थी।
इससे पहले बिहार पुलिस ने मनीष कश्यप के बैंक खातों में जमा राशि को फ्रीज करा दिया था। इन खातों में कुल 42.11 लाख रुपये की राशि जमा है।
इतनी है संपत्ति
बिहार पुलिस (Bihar Police) का कहना है कि इसके SBI के खाते में 3 लाख 37 हजार 496 रुपये, IDFC BANK के खाते में 51 हजार 69 रुपये, HDFC BANK के खाते में 3 लाख 37 हजार 463 रुपये और एक अन्य खाते में 34 लाख 85 हजार 909 रुपये हैं।
फर्जी Video शेयर करने का आरोप
गौरतलब है कि मनीष कश्यप पर तमिलनाडु (Tamil Nadu) में रहने वाले बिहारी मजदूरों के खिलाफ कथित रूप से हो रहे हमले को लेकर फर्जी Video शेयर करने का आरोप है।
इस मामले में उस पर पहले से FIR दर्ज है। मनीष का Twitter अकाउंट भी ब्लॉक हो चुका है। मगर, इस बीच उसके नाम से एक नया अकाउंट (manishkashyap43) बनाया गया और Tweet कर दावा किया गया कि बिहार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
इसके बाद बिहार पुलिस ने Tweet कर साफ किया था कि मनीष और युवराज को गिरफ्तार नहीं किया गया। वह एक फर्जी पोस्ट था। गिरफ्तारी (Arrest) की अफवाह फैलाकर लोगों को भ्रमित करने के आरोप में EOU ने FIR नंबर 5 / 23 दर्ज की थी।
कौन है मनीष कश्यप?
मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1991 को बिहार के West Champaran जिले के डुमरी महनवा गांव में हुआ था। उसका असली नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है। वह खुद को ‘सन ऑफ बिहार’ (Manish Kasyap, Son of Bihar) लिखता है।
साल 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से त्रिपुरारी उर्फ मनीष ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। नामांकन के समय चुनाव आयोग (Election Commission) को दिए हलफनामे में उसने बतौर प्रत्याशी अपना नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी बताया। उसकी मां मधु गृहिणी हैं। पिता उदित कुमार तिवारी भारतीय सेना में रह चुके हैं।