नई दिल्ली: देश के सुदूरवर्ती इलाकों के विद्यार्थियों तक डिजिटल माध्यम से पुस्तकालय की पहुंच सुनिश्चित करने के लिये राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनओआईएस) ने डिजिटल शिक्षा एवं ई संसाधन प्लेटफार्म (दीप) शुरू किया है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एनओआईएस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ‘दीप’ की शुरूआत की । इस प्लेटफार्म पर राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिका, दस्तावेज, शैक्षिक विषयों पर अध्ययन सामग्री, ज्ञानवर्धक पुस्तकें आदि उपलब्ध होंगी।
इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि ‘दीप’ ई लाइब्रेरी एक अभिनव पहल है तथा यह नवाचार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह पहल शिक्षा के आधुनिकीकरण के लिये प्रौद्योगिकी के अधिकतम उपयोग के मिशन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी ।
केंद्रीय मंत्री ने झारखंड राज्य में विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ ) के सहायोग से चलायी जा रही ‘तेजस्विनी’ परियोजना के अलावा ओडिशा, महाराष्ट्र, बिहार और राजस्थान में चलायी जा रही संयुक्त राष्ट्र की योजना ‘सेकेंड चांस एजुकेशन’ आदि का भी उल्लेख किया ।
एनआईओएस की अध्यक्ष प्रो. सरोज शर्मा ने ई लाइब्रेरी जैसे नवाचार की जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान संयुक्त राष्ट्र संघ के मिलेनियम 2030 के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्यवन में योगदान देगा।
एनआईओएस के एक अधिकारी ने बताया कि संस्थान का प्रयास ‘दीप’ के माध्यम से पुस्तकालय को भारत के सुदूरवर्ती इलाकों तक पहुँचाना है। इसमें प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाएं, वार्षिकी, मूल दस्तावेज़ आदि का विशाल भंडार है जिससे लाखों विद्यार्थी और सामान्य जन लाभान्वित होंगे।
‘दीप’ पर एनआईओएस के 75 व्यावसायिक पाठ़यक्रमों एवं शैक्षिक विषयों पर अध्ययन सामग्री, ऑडियो-वीडियो सामग्री आदि उपलब्ध हैं। इस प्लेटफॉर्म पर 6000 से अधिक विभिन्न विषयों पर ज्ञानवर्धक और गुणात्मक पुस्तकें, 33000 जीवनियाँ, 12 विश्वकोश, 2600 निबंध और 2500 पत्र-पत्रिकाएं उपलब्ध हैं।
इस प्लेटफार्म पर 500 से अधिक वीडियो व्याख्यान तथा शोध के संदर्भ के लिए लगभग 3 लाख चित्र और 60 हजार प्रेस से संबंधित वीडियो भी शामिल हैं। इसमें टेक्स्ट टू स्पीच एवं 30 भाषाओँ में लेखों के अनुवाद की भी सुविधा है। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में यह एक अप्रतिम नवाचार है।