नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) का शीतकालीन सत्र (Winter Session) गुरुवार को सत्तारूढ़ AAP और विपक्षी BJP के MLAs के कई मुद्दों को लेकर सदन में विरोध के बीच अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
हालांकि अंतिम स्थगन से पहले, विधानसभा सत्र (Assembly Session) को कई बार BJP MLAs के विरोध के कारण स्थगित किया गया था, क्योंकि उन्होंने केजरीवाल सरकार की कथित ‘किसान विरोधी’ नीतियों के खिलाफ विधानसभा परिसर में लघु हल चलाए।
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी (Ramveer Singh Bidhuri) ने आरोप लगाया कि सरकार भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) या कृषि उपकरणों पर सब्सिडी (Subsidy) के लिए पर्याप्त मुआवजा नहीं देती है।
उन्होंने दावा किया, आप सरकार के आठ साल के दौरान दिल्ली के गांवों में न तो अस्पताल और कॉलेज बनाए गए और न ही सीवर लाइन बिछाई गई।
AAP विधायकों ने मुख्य सचिव को निलंबित करने की मांग की
इस बीच, AAP MLA भी विभिन्न मुद्दों को लेकर उपराज्यपाल VK सक्सेना पर हमले करते रहे। सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होते ही AAP MLAs ने उपराज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद अध्यक्ष राम निवास गोयल ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
AAP विधायकों ने उपराज्यपाल के इशारे पर दिल्ली सरकार के काम में कथित रूप से बाधा डालने के आरोप में मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव और प्रधान सचिव वित्त को निलंबित करने की मांग की।
AAP विधायकों ने उपराज्यपाल पर लगाया आरोप
AAP की वरिष्ठ नेता और MLA आतिशी ने दावा किया कि उपराज्यपाल मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव वित्त और स्वास्थ्य सचिव के साथ छेड़छाड़ कर दिल्ली की चुनी हुई सरकार की परियोजनाओं में बाधा डाल रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया गया है।
राज्य सरकार निजी एजेंसियों (Agencies) को मोहल्ला क्लीनिकों में परीक्षण करने और दवा उपलब्ध कराने के लिए जो पैसा देती है, वह भी नहीं दिया गया है।
आतिशी ने आरोप लगाया कि…
DTC के ड्राइवरों और मार्शलों को उनका वेतन नहीं दिया गया है, DTC के कर्मचारियों की पेंशन भी नहीं दी गई है।
आतिशी ने आरोप लगाया कि इसलिए एक-एक करके इन IAS अधिकारियों के माध्यम से उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली सरकार के विकास कार्यों में बाधा डाली जा रही है।
MLAs ने विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के नीचे डेरा डाला और उपराज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन पर चुनी हुई सरकार को कमजोर करने और जनता को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।