दिल्ली: दिल्ली में विश्वविद्यालय कैंपस न खोले जाने पर हजारों छात्र सड़कों पर बैठकर क्लास यानी क्लासरूम ऑन द स्ट्रीट लेंगे। डीयू के कॉलेज खोलने की मांग कर रहे छात्रों ने सोमवार को वीसी ऑफिस कंपाउंड के गेट पर आउट ऑफ सर्विस प्लेकार्ड लटका दिया।
साथ ही वीसी के गेट पर ताला लगा दिया गया। छात्रों ने विभिन्न कॉलेजों के 53 अलग अलग विभागों की ऑनलाइन कक्षाओं का भी बहिष्कार किया।
कई छात्र और शिक्षक संगठनों ने इस विरोध का समर्थन किया। दिल्ली विश्वविद्यालय खोलने की मांग को लेकर सोमवार दोपहर वीसी कार्यालय का घेराव करने के लिए सैकड़ों छात्र डीयू में जुटे। इस दौरान छात्रों का कहना है कि 9 तक फरवरी कैंपस न खुले तो फिर सड़क पे कक्षा ली जाएगी।
छात्र संगठनों का कहना है कि संशोधित डीडीएमए दिशानिदेशरें के बाद डीयू ने विश्वविद्यालय को छात्रों के लिए नहीं खोला। इसके विरोध में छात्रों ने वीसी कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का संकल्प लिया है।
छात्रों के मुताबिक धरना तब तक जारी रहेगा जब तक वीसी बिना किसी और देरी के डीयू को फिर से खोलने का लिखित आश्वासन नहीं दे देते।
इससे पहले एसएफआई और अन्य छात्र संगठनों ने भारी पुलिस प्रतिरोध के बावजूद दोपहर में डीयू वीसी की दीवारों को फांदकर अंदर जाने की कोशिश की। एसएफआई ने वीसी के गेट पर ताला भी लगा दिया।
एसएफआई हिंदू कॉलेज के सचिव अंकित बीरपाली ने कहा छात्रों की नाराजगी साफ नजर आ रही है। आप इसे उनके चेहरों में देख सकते हैं, उनकी आवाज में सुन सकते हैं।
वीसी को अगले दो दिनों में स्थिति को संबोधित करना ही होगा अन्यथा हमें अपनी कक्षाओं के ताले खुद तोड़ने होंगे। छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय को फिर से खोलने की मांग की गई है।
एसएफआई समेत कई छात्रों ने 9 फरवरी से कैंपस के फिर से न खुलने पर सड़क पे कक्षा की घोषणा की है।एसएफआई डीयू के सह-संयोजक अभिषेक ने कहा कि एसएफआई ने 9 फरवरी से विश्वविद्यालय के दोबारा खुलने तक सड़क पे कक्षा यानी क्लासरूम ऑन द स्ट्रीट शुरू करने की घोषणा की है।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि सड़क पर कक्षाएं प्रशासन के लिए एक संदेश है कि शिक्षक और छात्र दोनों ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करना चाहते हैं। अगर उनके पास हमारे लिए थोड़ा सा भी सम्मान बचा है, तो उन्हें तुरंत कक्षाएं खोलनी चाहिए।
वहीं विरोध करने वाले छात्रों के समर्थन में, विश्वविद्यालय के 53 से अधिक विभागों ने ऑनलाइन कक्षाओं का पूर्ण बहिष्कार किया।
मिरांडा हाउस की छात्रा आरुषि शर्मा ने कहा कि बहुत से छात्र अभी दिल्ली में नहीं हैं इसलिए हम बुलाए गए विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सके। लेकिन हमने फैसला किया कि हमें यह संदेश देना है कि आम तौर पर छात्र कैंपस को फिर से खोलने की मांग का समर्थन करते हैं। इसलिए, हमने सोमवार ऑनलाइन कक्षाओं का बहिष्कार किया।
दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी यानी डीडीएमए दिल्ली में स्कूल कॉलेज खोलने की इजाजत दे चुका है। हालांकि कॉलेजों का कहना है कि स्थिति का पूरी तरह आकलन करने के उपरांत ही ऑफलाइन कक्षाएं शुरू की जाएंगी।
विश्वविद्यालयों के इस रवैये से छात्र संगठन और अधिकांश शिक्षक नाराज हैं। छात्रों का कहना है कि अब ऑफलाइन कक्षाएं क्यों शुरू नहीं की जा रही। इसके विरोध में सोमवार को छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय में पहुंचकर अपना विरोध दर्ज किया।
दिल्ली विश्वविद्यालय समेत जामिया और जेएनयू जैसे विश्वविद्यालयों के छात्रों का कहना है कि लंबे समय से बंद पड़े कॉलेज एवं विश्वविद्यालय परिसरों अब तुरंत खोला जाए।
छात्रों का कहना है कि कक्षाओं में छात्रों को प्रवेश मिले और डिजिटल यूनिवर्सिटी के माध्यम से हो रही पढ़ाई बहुत अधिक कारगर नहीं है।
वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय का कहना है कि अभी तुरंत विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों को खोलने का फैसला नहीं लिया जा सकता। विश्वविद्यालय प्रशासन ने तर्क दिया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में 70 फीसदी छात्र दिल्ली के बाहर से हैं। जिन्हें कॉलेज खोलने खोले जाने से पहले सूचित करना आवश्यक है।
विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक अभी स्थिति की समीक्षा की जाएगी और कॉलेज खोलने से पहले कम से कम छात्रों को 15 दिन पहले बताया जाएगा।