नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में इस वर्ष 1,73,541 डिजिटल डिग्रियां प्रदान की जाएगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय द्वारा 1,73,541 डिग्रियों को छपाई के लिए भी भेज दिया गया है।
यह पहला अवसर है जब किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में डिजिटल डिग्रियां दी जा रही हैं। दीक्षांत समारोह इसी सप्ताह होना है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन एग्जामिनेशन प्रोफेसर डीएस रावत ने आईएएनएस को बताया कि डिजिटल डिग्री प्रदान करने के साथ ही छात्रों को 1 महीने के भीतर ही डिग्री की हार्ड कॉपी भी उपलब्ध करा दी जाएगी। यह भी अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है।
दिल्ली विश्वविद्यालय की डीन एग्जामिनेशन प्रोफेसर रावत का कहना है कि दीक्षांत के दौरान 776 से अधिक पीएचडी डिग्री प्रदान की जानी है।
एक पुराने रिकॉर्ड के अनुसार इससे पहले अधिकतम 704 पीएचडी डिग्री प्रदान की गई थी, वह भी तब जब दीक्षांत समारोह 16 महीने के बाद आयोजित किया गया था।
प्रोफेसर रावत ने कहा कि इस बार यह तथ्य भी शामिल हैं कि मार्च-जून 2021 के दौरान देश को सबसे खराब प्रकार के पेंडेमिक का सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि पहली बार दिल्ली विश्वविद्यालय वर्ष 2021 में पासआउट करने वाले सभी छात्रों को हाथों हाथ डिग्री देने की योजना बना रहा है। हालांकि कई विश्वविद्यालय ऐसे भी हैं जहां डिग्री का बैकलॉग लंबे समय से लंबित है।
प्रोफेसर रावत ने कहा कि डिग्रियां का डेटा संबंधित प्रिंटर को प्रिंट करने के लिए भेजा जा चुका है। पहले डिग्री का डेटा कॉलेजों के माध्यम से एकत्र किया जा रहा था जो कि एक टाइम लेने वाली प्रक्रिया है और साथ ही कम समय में यह डेटा संग्रह बहुत मुश्किल था।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने परीक्षा फॉर्म में भी बदलाव किया है। अब इसमें छात्रों को नामांकन संख्या, नाम हिंदी में भरने के लिए कहा गया था। यह जानकारी उनके एडमिट कार्ड और मार्कशीट में दिखाई गई है। परिणाम घोषित होने के बाद 1.7 लाख से अधिक छात्रों को उनकी मार्कशीट की जांच करने के लिए ईमेल भेजा गया था।
इस दौरान छात्रों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि यदि किसी सुधार की आवश्यकता है तो उन्हें कॉलेज से संपर्क करना चाहिए। इस अभ्यास से दिल्ली विश्वविद्यालय के पास 2021 के सभी पासआउट का डेटा है। दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा यह डेटा प्रिंटर को भेजा जा रहा है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के मुताबिक इस वर्ष जो कुल डिग्रियां तैयार की जा रही है उनमें 77563 रेगुलर कॉलेजों के छात्र हैं। इनमें अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट दोनों ही पाठ्यक्रमों के छात्र शामिल हैं।
रेगुलर छात्रों के अलावा एसओएल में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के 91850 छात्र और पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के 1126 छात्र शामिल हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों समेत सहित देश भर के सभी विश्वविद्यालय अब डीजी लॉकर में रखे सर्टिफिकेट के जरिए छात्रों को दाखिला देंगे।
देशभर में कोरोना के मौजूदा हालात और छात्रों की सुविधा को देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने डीजी लॉकर में रखी डिग्री को मान्यता दी है।
इस संबंध में यूजीसी ने देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए आवश्यक निर्देश भी जारी किया है। इसके साथ ही दाखिले का पारंपरिक तरीका भी मान्य रहेगा।
यूजीसी ने देशभर के विश्वविद्यालयों हेतु जारी किए गए अपने निर्देश में कहा है कि यदि दाखिले के समय कोई छात्र डीजी लॉकर में रखी डिग्री प्रस्तुत करे तो विश्वविद्यालयों को उसे मान्यता देनी होगी।